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Tripura Ki Lokkathayen   

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Author Prof. Milanrani Jamatia
Features
  • ISBN : 9789355210388
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
  • ...more

More Information

  • Prof. Milanrani Jamatia
  • 9789355210388
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2021
  • 160
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

प्रत्येक क्षेत्र के लोक-साहित्य में वहाँ की स्थानीय परंपराएँ, संस्कृति, लोकोक्तियाँ और तत्संबंधी अन्य विशिष्टताएँ समाहित होती हैं। लोक-साहित्य अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का बेहतरीन माध्यम है। कॉकबरक समेत आज तक त्रिपुरा की जनजातीय भाषाओं में मौजूद लोककथाओं का ठीक से संग्रह नहीं हुआ है; हिंदी में इन्हें लाना तो दूर की बात है। इस क्रम में ‘त्रिपुरा की लोककथाएँ’ शीर्षक पुस्तक का महत्त्व स्वयंसिद्ध है। 
इस संग्रह में 37 लोककथाएँ संकलित हैं। इन लोककथाओं में पाठक त्रिपुरा का स्थानीय जीवन-दर्शन, इतिहास और परंपराओं का दिग्दर्शन करेंगे। इनमें सदियों से चली आ रही एक ऐसी लोकधारा है, जिसे यहाँ का जनजातीय समुदाय एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित करता रहा है। प्रस्तुत पुस्तक में त्रिपुरा में रहनेवाली लगभग सभी प्रमुख जनजातियों की लोककथाओं को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है। ये कथाएँ यहाँ की जनजातियों की संस्कृति का भावानुवाद कही जाएँ तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस क्रम में राइमा-साइमा नदियों का बहता प्रवाह इसका अप्रतिम उदाहरण है, जिन्हें समेटने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।

The Author

Prof. Milanrani Jamatia

डॉ. मिलनरानी जमातिया
सन् 1976 में त्रिपुरा के गोमती जिले के खुमपोईलोंग गाँव में जन्म। प्रारंभिक शिक्षा बनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान एवं उच्च शिक्षा पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलाँग से।
हिंदी और कॉकबरक लोककथाओं का तुलनात्मक अध्ययन विषय पर पी-एच.डी.। ‘त्रिपुरा की लोककथाएँ’, ‘कॉकबरक की प्रतिनिधि कविताएँ’, ‘साईजाक बोड़ो कॉकलप’, ‘त्रिपुरा के गॉरिया लोकगीत’, ‘मैपिंग दि जमातियाज’, ‘त्रिपुरा के जनजातीय लोकगीत’ एवं ‘पहाड़ की गोद में’ इ-बुक सहित अब तक सात पुस्तकें, दो कोश और अनेक आलेख प्रकाशित। 
पचास से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों में भागीदारी। त्रिपुरा ट्राइबल ऑफिसर्स फोरम, कॉकबरक साहित्य संसद् एवं इंटरनेशनल बरक फोरम समेत अनेक सरकारी एवं गैर-सरकारी समितियों की सदस्य। अनुवाद, लोक-साहित्य, आदिवासी साहित्य एवं विमर्श में विशेष रुचि। वर्ष 2004 से 2006 तक महाराजा बीरबिक्रम कॉलेज, अगरतला में अध्यापन। 2006 से हिंदी विभाग, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, अगरतला में अध्यापन। 
संपर्क : 08974009245 
इ-मेल : milanrani08@gmail.com

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