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Tyagveer Swatantrata Senani : Pt. Lakhanlal Mishra   

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Author Ramesh Nayyar
Features
  • ISBN : 9789352664504
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
  • ...more

More Information

  • Ramesh Nayyar
  • 9789352664504
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2018
  • 216
  • Hard Cover

Description

पं.लखनलालजी मिश्र ग्रामीण पृष्ठ- भूमि से जुड़े हुए एक ऐसे पुरुष हैं, जिनकी जड़ें एक ओर तो छत्तीसगढ़ के परंपरागत मालगुजारी विरासत की परिवार परंपरा से जुड़ी हुई हैं तो दूसरी ओर पारिवारिक विवशता के होते आजीविका के रूप में तत्कालीन ब्रिटिश पुलिस की नौकरी से खुद जुड़ गए। यह एक अनोखी विडंबना है कि एक व्यक्ति, जिसका अतीत मालगुजारी रोब से ओत-प्रोत हो एवं जो पुलिस विभाग की नौकरी में अपना रास्ता ढूँढ़ रहा हो, वह कैसे और क्यों ब्रिटिश शासन के विरुद्ध सर्वहारा की लड़ाई लड़ने तत्कालीन स्वतंत्रता संग्राम में कूद गया, यह अपने आप में शोध व विवेचना का विषय हो सकता है और इसी बिंदु पर आकर निश्चित रूप से 15 दिसंबर, 1945 को जो सुविचारित निर्णय पंडित मिश्र ने लिया, वह देश के हजारों, लाखों लोगों के लिए जहाँ प्रकाश का स्रोत बन गया, वहीं ब्रिटिश शासन के लिए परेशानी का सबब बना। इस परिप्रेक्ष्य में यद्यपि स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेनेवाले हर बलिदानी के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन ऐसे लेग, जिनके जीवन को दिशा मिल चुकी थी तथा अपना जीवन आराम और सुनिश्चित भविष्य के साथ गुजार सकते थे, ऐसे लोगों में तत्कालीन आई.सी.एस. अधिकारी, पुलिस मजिस्ट्रेट व जेल अधिकारी सम्मिलित थे, नौकरी को तिलांजलि देकर आंदोलन में कूद पड़ना निश्चित रूप से विशेष महत्त्व रखता है और इसी शृंखला में पं. मिश्र, जो ब्रिटिश पुलिस के एक अंग थे, का सेनानी का वेश धारण करना आज भी हमें रोमांचित कर देता है।

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अनुक्रम

दो शब्द—5

भूमिका : लक्ष्मण रामस्य बहिर्आत्मा—11

1. प्रारंभिक जीवन : पं. लखनलाल मिश्र—37

2. स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास छत्तीसगढ़ के संदर्भ में —47

3. पीड़ित मानवता के हक में आवाज उठानेवाले—74

4. अन्नापूर्णा श्रीमती सुशीला देवी—84

5. वात्सल्य की साक्षात् प्रतिमान—92

6. कृषि में आत्मनिर्भरता पर पक्षधर—94

7. राजनैतिक संघर्ष एवं मोहभंग—101

8. वंश वृक्षावली एवं सामाजिक दायित्व—112

9. बबला विरह—121

10. साधना, सत्संग एवं अध्यात्म—128

11. अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो—135

12. शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले—146

13. पुलिस अफसरी त्यागने में पं. मिश्र के प्रेरणास्रोत       श्री रामराव कृष्णराव पाटिल (आई.सी.एस.)—153

14. थानेदार पं. लखनलाल मिश्र जी के हाथ से लिखा और   हस्ताक्षरित तफ्तीश का एक दुर्लभ दस्तावेज (रोजनामचा)—155

15. पं. मिश्र की स्मृति में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा    स्थापित सम्मान एवं नामकरण—156

16. पिता के पत्र —162

The Author

Ramesh Nayyar

जन्म : 10 फरवरी, 1940 को कुंजाह (अब पाकिस्तान) में ।
शिक्षा : एम.ए. (अंग्रेजी) सागर विश्‍वविद्यालय, एम.ए. ( भाषा विज्ञान) रविशंकर विश्‍वविद्यालय ।
पत्रकारिता : सन् 1965 से पत्रकारिता में । ' युगधर्म ', ' देशबंधु ', ' एम.पी. क्रॉनिकल ' और ' दैनिक ट्रिब्यून ' में सहायक संपादक । ' दैनिक लोकस्वर ', ' संडे ऑब्जर्वर ' (हिंदी) और ' दैनिक भास्कर ' का संपादन ।
आकाशवाणी, दूरदर्शन और अन्य टी.वी. चैनलों से वार्त्ताओं, रूपकों, भेंटवार्त्ताओं और परिचर्चाओं का प्रसारण । टी. वी. सीरियल और वृत्तचित्रों का पटकथा लेखन ।
पत्रकारिता और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर राष्‍ट्रीय- अंतरराष्‍ट्रीय संगोष्‍ठ‌ियों में भागीदारी ।
प्रकाशन : चार पुस्तकों का संपादन । अंग्रेजी, उर्दू और पंजाबी की सात पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद ।
आजकल ' दैनिक भास्कर ' और अंग्रेजी दैनिक ' द हितवाद ', रायपुर के सलाहकार संपादक ।

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