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Upanishadon Ki Kathayen   

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Author Harish Sharma
Features
  • ISBN : 9788188140985
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Harish Sharma
  • 9788188140985
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 192
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने शिष्यों को अपने समीप बैठाकर ज्ञान प्रदान किया, वही ज्ञान उपनिषद् बनकर प्रसिद्ध हुआ। उपनिषद् को वेदों का अंतिम भाग भी कहा जाता है—यानी वेदांत, अर्थात् ‘उपनिषद्’ वेदों में प्रतिपादित ज्ञान का सार है। उपनिषद् का सारा अनुसंधान इस प्रश्न में निहित है—‘वह कौन सी वस्तु है, जिसे जान लेने पर सबकुछ जान लिया जाता है?’ और विभिन्न उपनिषदों में इस प्रश्न का एक ही उत्तर दिया गया है और वह है ‘ब्रह्म’।
उपनिषद् ज्ञान का अजस्र स्रोत हैं। इनमें ज्ञान और कर्म का महत्त्व प्रतिपादित किया गया है। चरित्र-निर्माण की शिक्षा दी गई है। पितृ-महिमा, अतिथि-महिमा, आत्मा, प्राण, ब्रह्म, ईश्वर आदि का सूक्ष्म विश्लेषण है। मुगल-कुमार दाराशिकोह तो इनसे इतना प्रभावित हुआ कि कुछ उपनिषदों का उसने फारसी भाषा में अनुवाद कराया।
कहा जा सकता है कि उपनिषदों को समझे बिना भारतीय इतिहास और संस्कृति को नहीं समझा जा सकता। भारतीय संस्कृति में आदर प्राप्त सभी आदर्श उपनिषदों में देखे जा सकते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में इन्हीं उपनिषदों की शिक्षा को कथात्मक शैली में प्रस्तुत किया गया है, ताकि सामान्य पाठक भी इनका चिंतन-मनन कर ज्ञान अर्जित कर सकें।

The Author

Harish Sharma

जन्म : 30 अगस्त, 1978 को जयपुर में।
शिक्षा : बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय, झाँसी से विधि-स्नातक।
कृतित्व : आरंभ में लेखन को शौकिया तौर पर लेते हुए इन्होंने अनेक राष्‍ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में विविध-विषयी लेख, कथा, कहानी, कविताएँ आदि लिखीं। यह लेखन आज भी जारी है। वर्तमान में इनकी लिखी दर्जन से अधिक पुस्तकें बाजार में हैं।
लेखन के साथ-साथ हरीश शर्मा अनेक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं से भी जुड़े हैं। अभिनय के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। अनेक अभिनय संस्थाओं से संबद्ध होकर रंगमंचीय गतिविधियों में संलग्न हैं। इन्होंने भारतेंदु अकादमी, लखनऊ से अभिनय कार्यशाला में प्रशिक्षण लिया और दूरदर्शन के कुछ धारावाहिकों में भी कार्य किया।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन, सामाजिक कार्य, वकालत।

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