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‘उर्दू की लोकप्रिय कहानियाँँ’ नामक पुस्तक में उर्दू साहित्य की प्रसिद्ध कहानियाँ शामिल हैं। इन सभी कहानियों का उनके विषय और शैली के संदर्भ में असाधारण महत्त्व है। प्रेमचंद, उपेंद्रनाथ ‘अश्क’, सुहैल अजीमाबादी, सआदत हसन मंटो, कृश्न चंदर, इस्मत चुगताई, सुरेंद्र प्रकाश आदि हमारे साहित्य के ऐसे महान् कथाकार हैं, जिन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं और उनके जीवन में घटनेवाली घटनाओं पर खुलकर लिखा और अपने समाज को आईना दिखाया। इनके लिखे हुए अफसाने और कहानियाँ आज भी उर्दू-हिंदी साहित्य में रुचि रखनेवालों को अपनी ओर खींचती हैं। उन्होंने आज से कई दशक पहले हमारे आस-पास होनेवाली घटनाओं पर जो कुछ लिखा और सामाजिक बदलाव के बारे में जिन खयालात का इजहार किया, वह आज भी हमारे लिए कारगार हैं।
विभिन्न युगों के उर्दू कथाकारों ने कहानी-कला को विस्तार, ताजगी और ऊर्जा प्रदान की है। इसीलिए ये सभी कहानियाँ आज भी पाठकों की पहली पसंद हैं।
डॉ. शै़ख अ़कील अहमद समकालीन उर्दू आलोचकों में एक प्रमुख और विशिष्ट स्थान रखते हैं। उनका छात्र-जीवन बहुत ही शानदार और उपलब्धियों से भरा रहा है। उन्होंने दिल्ली से ही एम.फिल. और
पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उन्हें ‘गालिब पुरस्कार’, ‘ख्वाजा अहमद फारूकी गोल्ड मेडल’, ‘अर्श मल्सियानी गोल्ड मेडल’ और ‘उर्दू अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। वह वर्तमान में राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद् (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) के निदेशक हैं। इससे पहले सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में सह-आचार्य रहे हैं। उनकी उर्दू आलोचना पर पंद्रह पुस्तकें और हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में सौ से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।