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उत्तर प्रदेश—वह भूमि, जहाँ मानवीय कल्पनाएँ और दृढ निश्चय असाधारण कुशल श्रमिकों से लेकर किस्से बयान करते स्मारकों तथा विभिन्न धर्मों के संगम और भरपूर प्रकृति तक के विभिन्न रूप लेते हैं। ऐतिहासिक दस्तावेजों में उत्तर प्रदेश को मूल भारतीय सभ्यता का केंद्र बताया गया है। इसकी आध्यात्मिक प्राचीनता और अधिक गहरी है। बहुत से लोग इसे मनुष्य की उत्पत्ति के समय से पल्लवित होने पर विश्वास करते हैं। अपने प्रत्येक रूप में यह अनंत संभावनाओं की
भूमि है।
लखनऊ के निकट एक छोटा सा शहर अयोध्या, जो भगवान् विष्णु के अवतार श्रीराम की जन्म-स्थली है। पश्चिमी भाग में ताजमहल का शहर आगरा स्थित है। राजधानी दिल्ली तथा इसके उपनगर नोएडा व गाजियाबाद के निकट होने के चलते हाई-टेक उद्योग तथा आई.टी. व मीडिया कारोबार के पनपने से यहाँ भारतीयों की नई पीढ़ी की गहमागहमी रहती है। बनारस के गंगा घाट से पूर्व की ओर त्वरित गति से निर्मित हो रहे मॉल और पश्चिम की ओर सड़कों के ऊपर से लगभग उड़ती हुई शीघ्रगामी मेट्रो उत्तर प्रदेश में आधुनिकता व परंपरा की मिलन-स्थली का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे निर्विवाद रूप से देश का सबसे बेहतरीन सुपर हाई-वे है, जहाँ केवल कारें ही नहीं दौड़तीं, बल्कि लड़ाकू जेट विमान भी उतारे जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश की विकास-गाथा है यह पुस्तक, जो इस प्रदेश के माहात्म्य और संभावनाओं को समग्रता में प्रस्तुत करती है।
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अनुक्रम
भूमिका — 5
पुस्तक परिचय — 7
प्रस्तावना : यही वह मार्ग है, जिससे राज्य में विकास आएगा — 13
आभार — 19
1. कृषि — संभावना उन्मुतीकरण — 23
2. डिजिटल सोशलिज्म — डिजिटल युग की अद्वितीय प्रगति — 38
3. ऊर्जा व बिजली निरंतर विकास हेतु अक्षुण्ण बिजली — 54
4. फिल्म और पर्यटन — 68
5. कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार — 101
6. पर्यावरण : हरा-भरा, स्वच्छ और रहने योग्य उार प्रदेश का निर्माण — 114
7. स्वास्थ्य सेवा — 143
8. आधारभूत संरचना : विकास के मार्ग का सृजन — 168
9. महिला सशतीकरण — 190
10. उार प्रदेश के मुयमंत्री के साथ बैठक लखनऊ 12 मई, 2015 — 222
सृजन पाल सिंह को भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के रूप में स्वर्णपदक प्रदान किया गया। वे छात्र परिषद् के प्रमुख भी रहे। वर्तमान में वे पुरा (PURA) को टिकाऊ विकास प्रणाली के रूप में विकसित करने के लिए डॉ. कलाम के साथ कार्य कर रहे हैं।
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जी.एस. नवीन कुमार 2007 बैच के उ.प्र. काडर के भारतीय प्रशासनिक अधिकारी हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार में मद्रास विश्वविद्यालय से बी.ई. किया है तथा उनके पास वाणिज्य, औद्योगिक नीति एवं प्रोन्नति विभाग में विभिन्न पदों पर कार्य करने का 12 वर्षों का सार्वजनिक सेवा का अनुभव है। आई.टी. एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में विशेष सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, वे आई.टी. सिटी-लखनऊ, आई.टी. उपवन, इलेक्ट्रॉनिक निर्माण समूहों, इ-सेतु तथा इको-फ्रेंडली साइकिल ट्रैक जैसे विभिन्न महत्त्वाकांक्षी पहल के कार्यान्वयन में शामिल रहे। तीन जिलों में जिलाधिकारी के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने अनेक इ-शासन परियोजनाओं की शुरुआत की।