₹295
प्रस्तुत पुस्तक ‘वस्तुनिष्ठ : भारत का इतिहास, कला एवं संस्कृति’ संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा हेतु लिखी गई है। इसमें भारत के इतिहास, कला एवं संस्कृति से संबद्ध 13 अभ्यास प्रश्नपत्र प्रस्तुत किए गए हैं। यह राज्य सेवा आयोग की परीक्षाओं हेतु भी समान रूप से उपयोगी है।
पुस्तक की विशेषताएँ
भारतीय इतिहास के विभिन्न कालों, कला एवं संस्कृति से संबद्ध उच्च स्तरीय प्रश्नों का समावेश विगत 11 वर्षों के दौरान (2007-2017) सामान्य अध्ययन की प्रारंभिक परीक्षा में इतिहास, कला एवं संस्कृति से संबंधित पूछे गए प्रश्नों की व्याख्या सहित उत्तर
सरल एवं स्पष्ट भाषा में प्रश्नों की व्याख्या
__________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
विषय-सूची
भूमिका—v
मुझे कुछ कहना है—vii-viii
भाग-I अभ्यास प्रश्न-पत्र
1. पाचीन भारत : अभ्यास प्रश्न-पत्र-1 —3-20
2. पाचीन भारत : अभ्यास प्रश्न-पत्र-2—21-36
3. मध्यकालीन भारत : अभ्यास प्रश्न-पत्र-3—37-57
4. मध्यकालीन भारत : अभ्यास प्रश्न-पत्र-4 —58-78
5. मध्यकालीन भारत : अभ्यास प्रश्न-पत्र-5 —79-97
6. आधुनिक भारत (स्वतंत्रता आंदोलन) : अभ्यास प्रश्न-पत्र-6 —98-122
7. आधुनिक भारत (स्वतंत्रता आंदोलन) : अभ्यास प्रश्न-पत्र-7 —123-149
8. आधुनिक भारत (स्वतंत्रता आंदोलन) : अभ्यास प्रश्न-पत्र-8—150-169
9. आधुनिक भारत (स्वतंत्रता आंदोलन) : अभ्यास प्रश्न-पत्र-9—170-189
10. कला और संस्कृति : अभ्यास प्रश्न-पत्र-10—190-210
11. कला और संस्कृति : अभ्यास प्रश्न-पत्र-11—211-235
12. इतिहास : अभ्यास प्रश्न-पत्र-12—236-255
13. इतिहास : अभ्यास प्रश्न-पत्र-13—256-274
भाग-II यूपीएससी सिविल सर्विसेज (प्रारंभिक परीक्षा) में पूछे गए प्रश्न (2007 से 2017 तक)
14. यूपीएससी सिविल सर्विसेज (प्रारंभिक परीक्षा) में पूछे गए प्रश्न—277-308
डॉ. उदयभान सिंह, NIEGS (National Institute of Economic & General Studies) तथा सामाजिक संस्था ‘आँखें’ के निदेशक हैं। साथ ही अर्थव्यवस्था परिदृश्य ‘आज और कल’ मासिक पत्रिका के संपादक हैं। उदयभान सिंह पिछले 15 वर्षों से दिल्ली के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में सिविल सेवा के अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करते आ रहे हैं और राष्ट्रीय सेमिनारों में अपने शोध प्रस्तुत कर चुके हैं। शिक्षा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत लेखक की अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।