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वसुंधरा राजे भावुक एवं संवेदनशील हृदय वाली महिला हैं। राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव भी उन्हें प्राप्त है। राजघराने की होने के कारण प्रशासनिक क्षमता घुट्टी में उन्हें अपने परिवार से मिली है। विनम्रता एवं देशभक्ति की भावना उन्हें अपनी माता राजमाता विजयाराजे सिंधिया से मिली है, आत्मगौरव का भाव माता एवं पिता से मिला है। भावुकता एवं संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि उन्होंने प्रशासन में रहते हुए महिला सशक्तीकरण, निःशक्तजन का कल्याण, वृद्धजनों की सेवा, ग्रामीण एवं गरीब के सुख-दुःख में सहभागिता, मूक पशुओं एवं भारतीय श्रद्धा का बिंदु गो-संरक्षण, मंदिरों एवं देवालयों की भव्यता आदि पर विशेष ध्यान दिया।
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अनुक्रम
लेखकीय —Pgs. 7
1. वसुंधरा राजे—व्यतित्व निर्माण —Pgs. 13
2. वसुंधरा राजे का राजनीतिक जीवन—एक —Pgs. 28
3. वसुंधरा राजे का राजनीतिक जीवन—दो —Pgs. 37
4. मुख्यमंत्री के रूप में वसुंधरा राजे (2003-08) —Pgs. 43
5. राजनीतिक संघर्ष का काल (2008-13) —Pgs. 66
6. वसुंधरा राजे, एक चमत्कारिक नेतृत्व —Pgs. 83
7. विधानसभा चुनाव 2013 —Pgs. 95
8. राजे का राजतिलक—2013 —Pgs. 104
9. राजे का मिशन—25 —Pgs. 121
10. वसुंधरा राजे और उनका मिशन —Pgs. 150
11. ज्योतिष की दृष्टि से वसुंधरा राजे —Pgs. 160
संदर्भ ग्रंथ —Pgs. 168
जन्म : 8 नवंबर, 1942, हरनांवा/लाडनूँ में।
शिक्षा : एम.ए. इतिहास।
कर्मक्षेत्र : 25 वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक; राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद् के संस्थापक संगठन मंत्री; राजस्थान प्रौढ़ शिक्षा संस्थान, जयपुर के संस्थापक संगठन मंत्री; राज्य समाज कल्याण बोर्ड के सदस्य; राज्य प्रौढ़ शिक्षा बोर्ड के सदस्य; भारतीय जनसंघ जोधपुर संभाग के संगठन मंत्री रहे; अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के महामंत्री एवं संगठन मंत्री रहे; श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी मानव हितकारी संघ-शिक्षण संस्थान राणावास के निदेशक रहे; आचार्य तुलसी अमृत महाविद्यालय, गंगापुर भीलवाड़ा के निदेशक रहे। संप्रति मरुधर विद्यापीठ समिति, पाली के अध्यक्ष हैं।