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Vayu Pradushan   

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Author Sheo Gopal Misra
Features
  • ISBN : 9789382901853
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Sheo Gopal Misra
  • 9789382901853
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 112
  • Hard Cover

Description

' ओजोन ' परत में छेद होने से कुछ वर्षो बाद पृथ्वी का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि पहाड़ों पर जमी सारी बर्फ पानी बनकर पृथ्वी को डुबो देगी । महानगरों में साँस लेने के लिए । एयर-मास्क की आवश्यकता पड़ने लगी है, अन्यथा आदमी का दम घुटता है । अम्लवर्षा के कारण पेड़-पौधों पर घातक प्रभाव पीरल‌क्ष‌ित हो रहे हैं । ऐसा वायु प्रदूषण के कारण हो रहा है । वह वायु, जो हर जीवधारी के लिए आवश्यक है, प्रदूषित हो रही है । अत: स्वाभाविक है कि हर व्यक्‍त‌ि इसके विषय में जाने और उसे शुद्ध बनाए रखने का प्रयास करे । वरना संसार में किसी भी जीव तथा वनस्पति का बच पाना असंभव हो जाएगा । इसी उद‍्देश्य की पूर्ति करती है पुस्तक -वायु प्रदूषण । इसमें वायुमंडल की संरचना, वायु के प्रमुख प्रदूषक, अम्लवर्षा, ग्रीन हाउस प्रभाव जैसी घटनाओं को प्रस्तुत करने के साथ ही वायु प्रदूषण को रोकने के उपायों की भी विस्तार से चर्चा की गई है । पुस्तक की भाषा इतनी सरल है कि आम आदमी भी इसको पढ़कर लाभान्वित होगा ।

The Author

Sheo Gopal Misra

डॉ. शिवगोपाल मिश्र ( जन्म : सन् 1931) विज्ञान-जगत् के ख्याति -प्राप्‍त लेखक हैं । आपने इलाहबाद विश्‍वविद्यालय से एम.एस-सी. ( कृषि रसायन) तथा डी. फिल्. की उपाधियाँ प्राप्‍त करने के बाद इसी विश्‍वविद्यालय में 1956 से 1991 तक क्रमश: लेक्चरर, रीडर, प्रोफेसर और निदेशक पदों पर अध्यापन और शोधकार्य का निर्देशन किया । सूक्ष्म मात्रिक तत्त्व, फास्फेट, पादप रसायन, अम्लीय प्रदूषण, जैव उर्वरक, भारतीय कृषि का विकास, ऊर्जा, जीवनोपयोगी सूक्ष्म मात्रिक तत्त्व नामक पुस्तकों का प्रणयन आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धि है । आपकी कई पुस्तकें पुरस्कृत भी हो चुकी हैं । आपने मृदा प्रदूषण, वायु प्रदूषण तथा जल प्रदूषण के विषय में अनेकानेक शोधपरक निबंध प्रकाशित किए हैं । प्रारंभ से ही हिंदी में रुचि होने के कारण 1952 से आप विज्ञान परिषद् प्रयाग से संबद्ध रहे हैं । आपने कई वर्षों तक मासिक पत्रिका ' विज्ञान ' का संपादन किया है । आपने ' भारत की संपदा ' का -संपादन तथा ' रसायन विज्ञान कोश ' का लेखन किया है ।
आपकी हिंदी सेवाओं के लिए 1993 में आपको ' डॉ. आत्माराम पुरस्कार ' से सम्मानित किया गया । विज्ञान परिषद् तथा इंडियन सोसाइटी ऑफ सॉयल साइंस के आप आजीवन सदस्य हैं ।

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