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Ve Kamal ke Phool   

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Author Mukul Rani Varshney
Features
  • ISBN : 9788194024606
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Mukul Rani Varshney
  • 9788194024606
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2019
  • 136
  • Hard Cover

Description

यादों के झरोखे से मेरा प्रथम प्रयास है, जिसमें मैंने अपनी कृतियों को संगृहीत किया है। मैं कोई महान् लेखिका तो नहीं, पर अपने विद्यार्थी जीवन से ही मुझे साहित्य पढ़ने व लिखने का शौक रहा। वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के साथ मुझे निबंध और कहानी लिखने का भी शौक था। दसवीं कक्षा में मुझे मेरी कहानी स्मृति पर प्रथम पुरस्कार भी मिला।
जीवन में अनेक व्यक्तियों के संपर्क में आना हुआ और उन्हें निकट से देखने-परखने का अवसर मिला। मैंने उन्हीं के चरित्र, व्यक्तित्व एवं घटनाओं को सच्चाई के साथ कागज पर उतारने की चेष्टा की है। कुछ पात्र मनोरंजक हैं तो कुछ अति करुण, तो कुछ मन और मस्तिष्क को छूनेवाले हैं। वे कमल के फूल तो मेरे लिए अविस्मरणीय ही हो गए हैं। शेष सभी पात्र भी मुझे अतिप्रिय हैं।
मैंने पात्रों को अपनी मिठास भरी लोक भाषा ही बोलने दी है। आशा करती हूँ कि पढ़कर आपको भी आनंद आएगा। यह तो मेरी अपनी राय है। आपकी राय जानने की प्रतीक्षा रहेगी।
——1——
मानवीय संवेदना, पारिवारिक संबंध सामाजिक सरोकार और जीवन के विविध रंगों का समुच्चय है यह कहानी-संग्रह ‘वे कमल के फूल’। ये मर्मस्पर्शी कहानियाँ आपके हृदय को स्पंदित करेंगी और आपके मनोभावों को झंकृत कर देंगी।

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अनुक्रम

सराहना के बोल —Pgs. 7

प्रशंसा के दो शब्द —Pgs. 9

शुभकामनाएँ —Pgs. 11

असली अंबा —Pgs. 13

1. जिन्हें कछु न चाहिए, ते शाहोंन पत शाह —Pgs. 17

2. वे कमल के फूल —Pgs. 21

3. ‘मोती’ मेरा बाल सखा —Pgs. 24

4. पराजय —Pgs. 27

5. एक थी वृंदावन की बाई —Pgs. 32

6. कमला बुआजी —Pgs. 40

7. साधकजी —Pgs. 50

8. भगतजी —Pgs. 54

9. अम्मा —Pgs. 66

10. श्यो प्रसाद और उसकी माँ —Pgs. 78

11. कमला प्रसाद मास्साब —Pgs. 87

12. खता किसी ने की और सजा किसी ने पाई —Pgs. 95

13. मेरी गंगा सागर-यात्रा —Pgs. 104

14. जब मेरी बहन के सिर पर कौआ बैठा —Pgs. 112

15. एहसास —Pgs. 120

16. आशीर्वचन —Pgs. 122

17. बच्‍चेचोर —Pgs. 125

18. जस करिहें सो तस फल पावा —Pgs. 128

19. हँसने की बारी —Pgs. 131

20. मेरी नानीजी —Pgs. 133

21. भूख —Pgs. 135

 

The Author

Mukul Rani Varshney

मुकुल रानी वार्ष्णेय
जन्म : 23 मार्च, 1932 को उ.प्र. के फरखना गाँव में।
शिक्षा : अलीगढ़, मथुरा और काशी हिंदू विश्वविद्यालय से।
उत्तम घर-वर मिलने पर उनके पिताजी ने छोटी आयु में ही विवाह कर दिया। पर उनका स्वाध्याय जारी रहा। उनका विवाह काँच उद्योग के जनक लाला ईश्वर दासजी के पौत्र श्री प्रेमचंद्रजी (जो भारत में ग्लास ट्यूबिंग के जनक हैं) के साथ हुआ।
रुचियाँ : उत्कृष्ट हिंदी साहित्य एवं सभी भाषाओं के अनुवाद पढ़ना, तंजौर पेंटिंग बनाना, शास्त्रीय संगीत सुनना, बागबानी, सीना-पिरोना एवं पाक कला। पाक कला पर भी पुस्तक प्रकाशित।
सामाजिक कार्यों एवं शिक्षा के लिए सदैव सजग। अनेक बार विश्व-भ्रमण।

 

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