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ऋषियों की भूमि भारत, जहाँ वेद और उपनिषदों का प्रादुर्भाव हुआ। ऐसे शास्त्र, जिन्होंने न केवल मनुष्य को उसके जीवन के मुख्य उद्देश्य के बारे में अवगत कराया, बल्कि उसके साथ ही उन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मार्ग भी बताया और प्रशस्त किया। वेदांत मनुष्य के जीवन के सबसे महत्त्वपूर्ण लक्ष्य ‘स्वाआत्मानुभूति’ का राजमार्ग है। इस पुस्तक के प्रारंभिक तीन अध्यायों में वेदांत का प्रारंभिक परिचय कराने का प्रयास किया गया है और अंतिम तीन अध्यायों में जीवन प्रबंधन के वैदिक मॉडल पर चर्चा की गई है। इस पुस्तक के प्रथम अध्याय ‘वेदांत की रूपरेखा’ में वेदांत के सृजन का कारण और उसके उद्देश्यों को उल्लेखित किया गया है। दूसरे अध्याय ‘चार पुरुषार्थ’ में मनुष्य के जीवन के चार प्रमुख लक्ष्यों का उल्लेख है। तीसरे अध्याय ‘शास्त्र में भारतीय दर्शन’ में विभिन्न शास्त्रों का संक्षेप में वर्णन है, जो उन लक्ष्यों को प्राप्त करने का मार्ग सुझाते हैं। चौथे अध्याय ‘वर्ण व्यवस्था’ में उस मार्ग पर चलने की व्यक्तिगत तैयारी का मार्गदर्शन है। पाँचवाँ अध्याय ‘आश्रम व्यवस्था’ उन लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु वृहद् सामाजिक संरचना प्रस्तुत करता है। छठे अध्याय ‘सोलह संस्कार’ में मील के वे पत्थर हैं, जो हमें बताते हैं कि हम सही रास्ते पर चल रहे हैं।
डॉ. विक्रांत सिंह तोमर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य शिक्षाविद्, लेखक, प्रशिक्षक और प्रबंधन सलाहकार हैं। उनके अनुसंधान का क्षेत्र प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान और आधुनिक जीवन है। उन्होंने विश्व के 30 देशों के 2.8 लाख से अधिक लाभार्थियों हेतु जीवन प्रबंधन और प्राचीन वैदिक ज्ञान पर व्याख्यान दिए हैं। एक प्रशिक्षक के रूप में उन्होंने राज्य के कैबिनेट मंत्रियों, (विधानसभा सदस्यों), रक्षा, अर्धसैनिक, सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र, बहुराष्ट्रीय निगमों को प्रशिक्षण दिया है। वह ‘Rule the World as Krishna Did’ पुस्तक के लेखक हैं, जो ऑथर हाउस, यू.के. से प्रकाशित हुई है।
वे Project Self Inc. USA-Bharat, UMS INDIA, Akshara Kids Academy के निदेशक हैं। साथ ही ठ्ठद्बह्लद्गस्र Consciousness Global ÌÍæ Global Institute of United Consciousness के वैश्विक संयोजक भी हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके द्वारा European Yoga Federation, Italy एवं The Spiritual Council in Africa के बोर्ड सदस्य के रूप में सेवाएँ दी जा रही हैं।