₹250
जीवन तनावों से भरा हुआ है। काम और घर में पिसते हुए व्यक्ति के लिए शांति की तलाश बहुत ही अहम है। मोक्ष के लिए प्रार्थनाएँ और ईश्वर को प्राप्त करने का मार्ग अति आवश्यक है। इस पुस्तक में ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत (सेवानिवृत्त) ने अपनी 50 वर्षों की सार्वजनिक वार्त्ताओं के माध्यम से समाज के अंधविश्वासों एवं पारंपरिक धार्मिक समारोहों से हटकर जीवन के वैदिक मार्ग पर चलने का आह्वान किया है।
जीवन का वैदिक मार्ग प्रार्थनाओं और हवन के द्वारा शांति व पर्यावरणीय शुद्धि के माध्यम से हमारा अंतिम लक्ष्य ‘मोक्ष’ यानी जन्म, मरण और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। इस पुस्तक में ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के मंत्र अपनी पूर्ण मौलिकता के साथ प्रस्तुत हैं तथा लेखक ने अपनी सुबोध भाषा के साथ इनकी व्याख्या भी की है।
क्या वरिष्ठ नागरिक और समाज अपने परिवारों पर बोझ हैं? वे स्वयं को बेकार समझते हुए भविष्य से भयग्रस्त रहते हैं। अकसर हममें से बहुत से लोग ऐसा ही महसूस करते हैं! ब्रिगेडियर सावंत ने वेदों के उद्धरण के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के वानप्रस्थ और संन्यास आश्रम से होनेवाली सामाजिक भूमिका के महत्त्व को स्पष्ट किया है। उन्होंने मृत्यु और अनिश्चित भविष्य से भयभीत न रहने का परामर्श दिया है, क्योंकि यह तो आत्मा की मोक्ष की यात्रा के गुजरनेवाले पहलू हैं।
यह पुस्तक अपने में चारों वेदों के ज्ञान का अमृत समेटे हुए है। यह उन लोगों को अवश्य पढ़नी चाहिए, जो अपने जीवन को एक अर्थ देना चाहते हैं।
________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
अनुक्रम
परिचय —Pgs. 5
दिव्य ज्ञान
1. वेद सभी के लिए —Pgs. 13
2. सभी को वेद पढ़ने का अधिकार —Pgs. 18
3. वैदिक त्रैतवाद —Pgs. 22
4. संध्या : दैनिक प्रार्थना —Pgs. 26
5. सर्वोच्च मार्गदर्शन —Pgs. 36
6. न्यायोचित वैदिक मार्ग —Pgs. 40
7. ओ३म् शांति: शांति: शांति: —Pgs. 42
मधुरस
8. जीवन संग्राम में विजय —Pgs. 49
9. जीवित स्वर्ग प्रवेश —Pgs. 53
10. मोक्ष हेतु कर्म —Pgs. 57
11. सत्य की विजय —Pgs. 61
12. बुराई को खत्म करेगी भलाई —Pgs. 64
13. मृत्यु के परे जीवन —Pgs. 67
स्वास्थ्य एवं प्रसन्नता
14. पूर्ण शांति के लिए प्राणायाम —Pgs. 73
15. अवसाद पर विजय —Pgs. 76
16. एड्स के विरुद्ध आर्य —Pgs. 61
17. पौराणिक अंधविश्वासों का समूल नाश —Pgs. 86
18. वानप्रस्थ का अर्थ जहाँ जीवन की सार्थकता है —Pgs. 91
सुखी परिवार
19. खुशहाल परिवार पर वेदों का प्रकाश —Pgs. 99
20. विवाह को अपना काम करने दें —Pgs. 101
21. परोपकार की शुरुआत घर से नहीं होती है —Pgs. 105
22. दीपावली पर मन के अंधकार को दूर करें —Pgs. 109
23. मृतक का निस्तारण —Pgs. 113
24. वैश्विक समाज एक वैदिक विचार —Pgs. 119
जीवन का माहात्म्य
25. हमारे आदर्श : श्रीराम —Pgs. 127
26. योगेश्वर श्रीकृष्ण—हमारे प्रेम के आदर्श —Pgs. 131
27. नवचेतनायुत ऋषि —Pgs. 136
28. दो वैदिक मित्र, जिनकी मुलाकात नहीं हुई —Pgs. 143
29. पुराणों के श्रेष्ठ खंडनकर्ता —Pgs. 148
30. राष्ट्रीय सुरक्षा पर महर्षि दयानंद के विचार —Pgs. 154
31. भारत-चीन युद्ध 1962 —Pgs. 158
32. कारगिल की यादें —Pgs. 165
33. शहीद महात्मा —Pgs. 170
34. हंसराज एक प्रेरणादायी महात्मा —Pgs. 178
यात्रा विवरण
35. गुरुकुल काँगड़ी शतादी महोत्सव —Pgs. 185
36. मिडलैंड का भ्रमण —Pgs. 193
37. वेद प्रचार-आर्यसमाज बर्मिंघम की पुनर्यात्रा —Pgs. 198
38. विश्वास का मेला —Pgs. 204
तीन दशकों से अधिक समय तक भारतीय थल सेना में सेवा करते हुए ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत, वी.एस.एम. देश-विदेश में अनेक स्थानों पर नियुक्त रहे। उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया।
ब्रिगेडियर सावंत 42 वर्षों से इलेक्टॉनिक मीडिया पर गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और अन्य राष्ट्रीय समारोहों का आँखों देखा हाल सुनाते रहे हैं। चीनी भाषी-हिंदी के द्विभाषीय होने के कारण भारत-चीन सीमा पर नियुक्त रहे, चीन जाकर वहाँ का जन-जीवन देखकर, टीवी के लिए वृत्तचित्र भी बनाया और वहाँ की जनता तथा प्रशासन की जानकारी का देशहित में उपयोग किया।
आजकल आर्य समाज मंच से वेद प्रचार में संलग्न हैं। प्रस्तुत पुस्तक उन की अंग्रेजी पुस्तक ‘वैदिक थॉट्स’ का हिंदी अनुवाद है। आशा है, इस पुस्तक के माध्यम से वेद ज्ञान आम आदमी तक ले जाने में सरलता होगी और देशवासियों का जीवन सुखमय हो सकेगा।