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Vedon Ki Kathayen   

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Author Harish Sharma
Features
  • ISBN : 9789389471755
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Harish Sharma
  • 9789389471755
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 192
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

कहते हैं धर्म वेदों में प्रतिपादित है। वेद साक्षात् परम नारायण है। वेद में जो अश्रद्धा रखते हैं, उनसे भगवान् बहुत दूर हैं। वेदों का अर्थ है—भिन्न-भिन्न कालों में भिन्न-भिन्न व्यक्तियों द्वारा आविष्कृत आध्यात्मिक सत्यों का संचित कोष। वास्तव में जीवन को सुंदर व साधक बनानेवाला प्रत्येक विचार ही मानो वेद है। मैक्स म्यूलर का तो यहाँ तक कहना था कि वेद मानव जाति के पुस्तकालय में प्राचीनतम ग्रंथ हैं।
वेद संख्या में चार हैं—ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद और सामवेद। वेद का शाब्दिक अर्थ है ‘ज्ञान’ या ‘जानना’। ये हमारे ऋषि-तपस्वियों की निष्कपट, निश्छल भावना की अभिव्यक्ति हैं। इनमें जीवन को सद्मार्ग पर प्रशस्त करने का आह्वान है। इतना ही नहीं, वेदों में आत्मा-परमात्मा, देवी-देवता, प्रकृति, गृहस्थ-जीवन, सृष्टि, लोक-परलोक के साथ-साथ नाचने-गाने आदि की बातें भी निहित हैं। इन सबका एक ही उद्देश्य है—मानव-कल्याण।
एक ओर जहाँ वेदों में ईश-भक्ति और अध्यात्म की महिमा गाई गई है, वहीं दूसरी ओर कर्म को ही कल्याण का मार्ग कहा गया है।
वेद हमारे अलौकिक ज्ञान की अनुपम धरोहर हैं। अत: इनके प्रति जन-सामान्य की जिज्ञासा होना स्वाभाविक है, इसलिए वेदों के गूढ़ ज्ञान को हमने कथारूप में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है। इन कथा-कहानियों के माध्यम से सुधी पाठक न केवल इन्हें पढ़-समझ सकते हैं, बल्कि पारंपरिक वैदिक ज्ञान को आत्मसात् कर लोक-परलोक भी सुधार सकते हैं।

The Author

Harish Sharma

जन्म : 30 अगस्त, 1978 को जयपुर में।
शिक्षा : बुंदेलखंड विश्‍वविद्यालय, झाँसी से विधि-स्नातक।
कृतित्व : आरंभ में लेखन को शौकिया तौर पर लेते हुए इन्होंने अनेक राष्‍ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में विविध-विषयी लेख, कथा, कहानी, कविताएँ आदि लिखीं। यह लेखन आज भी जारी है। वर्तमान में इनकी लिखी दर्जन से अधिक पुस्तकें बाजार में हैं।
लेखन के साथ-साथ हरीश शर्मा अनेक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं से भी जुड़े हैं। अभिनय के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। अनेक अभिनय संस्थाओं से संबद्ध होकर रंगमंचीय गतिविधियों में संलग्न हैं। इन्होंने भारतेंदु अकादमी, लखनऊ से अभिनय कार्यशाला में प्रशिक्षण लिया और दूरदर्शन के कुछ धारावाहिकों में भी कार्य किया।
संप्रति : स्वतंत्र लेखन, सामाजिक कार्य, वकालत।

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