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भारत का विभाजन विश्व के सबसे बड़े नरसंहार के रूप में हिंदुओं और सिखों की महिलाओं की छाती पर हुआ। इसमें 30 लाख से अधिक लोगों की नृशंस हत्या हुई। विभाजन के समय हिंदू और सिख पुरुषों को एक लाइन में खड़ा करके पाकिस्तानी सेना ने गोलियों से भून दिया।
एक लाख से अधिक महिलाओं का अपहरण व बलात्कार करके अधिकांश को मौत के घाट उतार दिया गया | उनकी संपत्ति को हड़प लिया अथवा उसे आग के हवाले कर दिया । विश्व में यह एकमात्र ऐसा उदाहरण है, जब करोड़ों की जनसंख्या का विनिमय बिना किसी योजना एवं पूर्व प्रबंधों के अचानक कर दिया गया।
पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित इन दंगों में 1.5 करोड़ लोग विस्थापित हुए। विभाजन का यह काला अध्याय विस्थापित हुए, भगाए गए, मारे गए और भटककर मौत को गले लगानेवाली मनुष्यता के खून के छींटों से भरा हुआ है। यह इतिहास के चेहरे पर पुती वह कालिमा है, जिसे कभी साफ नहीं किया जा सकेगा। इसका दंश इस पीढ़ी ने झेला, पर उसका दर्द और मार वहाँ से विस्थापित हुए परिवार आज भी झेल रहे हैं।
विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष यह है कि इसके लिए उत्तरदायी नेता अपने इस अमानवीय कुकृत्य के लिए कभी शर्मिंदा नहीं हुए, बल्कि विभीषिका को “रक्तहीन क्रांति' कहकर स्वयं को गौरवान्वित करते रहे । इन्हीं खून के धब्बों की लोमहर्षक घटनाओं पर उकेरा गया है यह अत्यंत मर्मस्पर्शी एवं संवेदनशील उपन्यास--'विभाजन की विभीषिका ।
जन्म : 2 अक्तूबर, 1944।
शिक्षा : एम.ए. (राजनीति विज्ञान)।
कृतित्व : प्लेटो और अरस्तू के दार्शनिक सिद्धांत, दो साम्यवादी व्यवस्थाएँ, प्राचीन यूनानी, विचारक, समकालीन भारत एवं ट्रकवाहिनी रेल व्यवस्था (समीक्षात्मक ग्रंथ), जिंदगी और जुगाड़, उन्नीस महीने (उपन्यास), अतीत की परछाइयाँ (लघु काव्य), सीप में समुद्र (कविता-संग्रह), मेरा भारत महान्, चंद बीवियों की तलाश, जूठन, रौंदकर दौडि़ए, लोकतंत्र के पाये और शतरंज के प्यादे (व्यंग्य-संग्रह), तूलिका और यूँ ही कह दिया होगा (कहानी-संग्रह) तथा सैकड़ों बाल कहानियों के रचयिता।
हिंदी, अंग्रेजी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में संचार, पत्रकारिता, पर्यटन, पर्वतारोहण इत्यादि विषयों पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित। गत 45 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं अन्य अनेक प्रतिष्ठित भारतीय एवं विदेशी संचार माध्यमों में लेखन।
सम्मान : हिंदी अकादमी, दिल्ली का साहित्यकार सम्मान, रेल मंत्रालय का ‘तकनीकी-मौलिक लेखन पुरस्कार’, ‘भारतीय साहित्य रत्न सम्मान’, ‘बहुमुखी प्रतिभा रत्न’, ‘पत्रकार रत्न सम्मान’।
संप्रति : बहुभाषायी समाचार एवं प्रसंग लेख सेवा एक्सप्रेस मीडिया सर्विस के राजनीतिक संपादक।