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Vidyarthiyon Mein Avishkarak Soch   

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Author Vigyan Ratna Lakshman Prasad
Features
  • ISBN : 9789389982688
  • Language : Hindi
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  • Kindle Store

More Information

  • Vigyan Ratna Lakshman Prasad
  • 9789389982688
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 2022
  • 120
  • Hard Cover
  • 150 Grams

Description

विद्यार्थियों में आविष्कारक सोच विकसित करना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे किसी भी बात को स्वीकार करने से पहले उसका तर्कसंगत संज्ञान लें। इस दृष्टि से हिंदी में लिखी गई संभवतया एकमात्र और पहली पुस्तक है।
इसमें छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टि से सुसंपन्न करने और ‘नवाचार’ करने के लिए प्रेरित किया गया है। इसको प्रश्नोत्तर के रूप में लिखने का प्रयास किया गया है। छात्रों द्वारा उठाए गए सभी प्रश्नों के उत्तर बहुत ही सरलता से समझाने की कोशिश की गई है, जिससे वे आसानी से उनको आत्मसात् कर लें। 
‘नवाचार’ शब्द को बहुत ही स्पष्ट और सरलता से पारिभाषित किया गया है। ‘खोज’ एवं ‘आविष्कार’ किस प्रकार से नवाचार से भिन्न होते हैं, उस पर भी प्रकाश डाला गया है। 
पुस्तक में ‘नवाचार’ से संबंधित सभी पहलुओं जैसे—सृजनशीलता एवं नवाचार, शिक्षा एवं नवाचार, नवाचार का क्षेत्र, नवाचार की प्रक्रिया, नवाचार उत्पाद का नामकरण, नवाचार के लिए कार्यशाला, नवाचार पर आधारित उत्पाद का निर्माण, पेटेंट संबंधी जानकारी, नवाचार से लाभ, मान-सम्मान एवं पुरस्कार आदि पर प्रकाश डाला गया है, जिससे नवाचारी को नवाचार प्रक्रिया की जटिलता का आसानी से बोध हो सके। 
पुस्तक में कुछ ऐसे सफल नवाचारियों के विषय में वर्णन किया गया है, जिन्होंने राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया। इसके अलावा कुछ ऐसे नवाचारियों के बारे में भी उल्लेख किया गया है, जो करोड़पति के साथ-साथ लोकोपकारी भी बने और शिक्षण, सामाजिक संस्थान आदि की स्थापना भी की। आशा है कि ऐसे नवाचारियों के विषय में जानकर पाठकगण प्रेरित होंगे।

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अनुक्रम

भूमिका  — Pgs. 7

1. बाल मन  — Pgs. 13

2. नवाचार (इनोवेशन) — Pgs. 15

3. सृजनशीलता एवं नवाचार — Pgs. 19

4. नवाचार कौन कर सकता है? — Pgs. 22

5. शिक्षा एवं नवाचार — Pgs. 26

6. नवाचार का क्षेत्र — Pgs. 30

7. नवाचार की प्रक्रिया — Pgs. 33

8. नवाचार (उत्पाद) का नामकरण — Pgs. 38

9. नवाचारी की डायरी — Pgs. 42

10. नवाचार से लाभ — Pgs. 45

11. नवाचार के लिए कार्यशाला — Pgs. 48

12. नवाचार पर आधारित उत्पाद का निर्माण एवं बिक्री — Pgs. 52

13. पेटेंट संबंधी जानकारी — Pgs. 56

14. मान, सम्मान एवं पुरस्कार — Pgs. 60

15. नवाचारी : राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए  — Pgs. 65

16. नवाचारी : करोड़पति एवं लोकोपकारी बनें  — Pgs. 69

17. सृजनात्मक विचारों का संग्रह — Pgs. 76

18. छात्र-छात्राओं एवं युवाओं से आह्वान — Pgs. 84

19. परिशिष्ट-1 : छात्र व छात्राओं के कुछ सकारात्मक विचार — Pgs. 92

20. परिशिष्ट-2 : छात्र व छात्राएँ नवाचार प्रक्रिया में प्रयत्नशील — Pgs. 101

21. परिशिष्ट-3 : विद्यार्थियों की नवाचारी सोच तथा रचनात्मक विचारों के संग्रह की प्रस्तावित योजना  — Pgs. 116

The Author

Vigyan Ratna Lakshman Prasad

लक्ष्मण प्रसाद
जन्म : 19 अक्तूबर, 1930, अलीगढ़ (उ.प्र.)। 
सन् 1954 में लखनऊ विश्वविद्यालय से सामाजिक कार्यों में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। विकलांगों के पुनर्वास विषय पर आई.एल.ओ. द्वारा 1960 में मनीला, फिलिपिंस में आयोजित सम्मेलन में भारत सरकार का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व। तत्पश्चात् 25 वर्ष सार्वजनिक उद्योगों व बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्मिक प्रबंधक के पद पर कार्य किया। 1984 में स्वैच्छिक अवकाश के पश्चात् अपने नवाचारों पर आधारित उद्योगों की स्थापना। 1995 में विकलांग कल्याण केंद्र की स्थापना, जिसके द्वारा कृत्रिम अंग एवं कैलीपर का निःशुल्क वितरण। देश में नवाचार आंदोलन के जनक।
नवाचार/आविष्कार : राष्ट्रीय महत्त्व के 25 नवाचार, जिनमें से 12 नवाचारों का सफलतापूर्वक व्यापारीकरण। 
लेखन एवं प्रकाशन : लगभग सवा सौ लेख और 16 पुस्तकें, जिनमें 4 पुस्तकें अंग्रेजी और 12 हिंदी में प्रकाशित। दोनों भाषाओं में मिलाकर 12 पुस्तकें नवाचार/आविष्कारों पर आधारित। 
सम्मान/पुरस्कार : विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए ‘विज्ञानरत्न’ सहित भारत सरकार द्वारा 8 राष्ट्रीय, 3 राज्यस्तरीय सम्मानों से विभूषित। इसके अलावा 2 पुस्तकों पर देश का सर्वोच्च पुरस्कार ‘डॉ. मेघनाद साहा सम्मान’ तथा ‘बाल किशोर साहित्य सम्मान’ से पुरस्कृत। विकलांग कल्याण क्षेत्र में भी एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार और दूसरा राष्ट्रीय ‘मोदी फाउंडेशन सम्मान’ से पुरस्कृत।

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