Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777
Menu

Vikram Aur Vetaal Stories Hindi Translation of The Return of Vikram And Betaal   

₹400

In stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Sunita Pant Bansal
Features
  • ISBN : 9789355621405
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Sunita Pant Bansal
  • 9789355621405
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2025
  • 224
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

"क्या जीवन आपको दूसरा मौका देता है वो भी बार-बार ? 

जस्टिस विक्रम अपने कॅरियर के शिखर पर हैं, जब दूत यानी यमराज उनसे मिलने आता है। धरती पर विक्रम का समय पूरा हो चुका है, लेकिन दूत सौदे के रूप में एक प्रस्ताव रखता है। 

विक्रम को कुछ उलझे मुकदमों को सुलझाना है। अगर दूत उनके फैसले को स्वीकार कर लेता है, तो विक्रम को जीने का एक नया मौका मिल जाएगा तब तक, जब तक कि दूत उन्हें दूसरा केस नहीं दे देता है। अगर विक्रम सही फैसले पर नहीं पहुँचे, तो उन्हें दूत के साथ जाना पड़ेगा। ये मुकदमे असामान्य, अकसर अप्रत्याशित फैसलों वाले वास्तविक आपराधिक मामलों पर आधारित हैं, जिन्हें सुलझाते हुए विक्रम अपने सगे-संबंधियों के साथ रिश्तों पर फिर से विचार करता है और उन गाँठों को सुलझाता है, जिन्होंने उन्हें जीवन से बाँध रखा है। अपने आप पर जस्टिस विक्रम का अंतिम फैसला क्या होगा ? 

जस्टिस विक्रम और दूत को विक्रम और वेताल के नए अवतार में पढ़ें।"

The Author

Sunita Pant Bansal

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW