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सन् 1957 में प्रधानमंत्री नेहरू ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संदर्भ में लोकसभा में कहा था-' ' बोलने के लिए वाणी की जरूरत होती है, किंतु मौन के लिए वाणी और विवेक दोनों की जरूरत पड़ती है। '' बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के विषय में भी शायद पंडित नेहरू का यह वाक्यांश सटीक बैठता है। मुख्यमंत्री नीतीश बाबू चाहे प्रतिपक्ष में रहे या पक्ष में, सदन के एक-एक पल का उपयोग किया, ताकि संसदीय जनतंत्र मजबूत हो एवं जन- भागीदारी का यह मुखर मंच अपने मकसद में कामयाब हो। वे कर्पूरी ठाकुर की राजनीति के कायल रहे हैं। उन्होंने राजनीति में सिद्धांतों और मूल्यों की पैरवी की और इन्हें सही मायनों में अपनाया भी। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उनके कार्यकाल में बिहार राज्य का कायाकल्प हो गया है।
प्रस्तुत पुस्तक में नीतीश बाबू के बहुआयामी व्यक्तित्व एवं कार्यों का विवेचन किया गया है। एक राजनेता के रूप में वे अपनी वाणी से कुछ न कहकर अपना उत्तर रचनात्मक कार्यो के रूप में देते हैं। उनकी मान्यता है कि सुशासन का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।
राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता का प्रमाण देनेवाले इन लेखों से आम आदमी का राजनीतिज्ञों में और विकास के कामों में विश्वास बढेगा।
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विषय-सूची
दो शद —Pgs. 7
अपनी बात —Pgs. 9
1. राज्य महादलित आयोग व पिछड़े वर्गों के लिए आयोग तथा प्रशासनिक सुधार आयोग पर सरकार की कार्यवाई —Pgs. 17
2. विधायिका में आरक्षण : संसद् द्वारा पारित विधेयक के पक्ष में —Pgs. 25
3. चुनाव आचार संहिता पर मुख्यमंत्री का वक्तव्य —Pgs. 27
4. बिहार भूमि-सुधार (अधिकतम सीमा-निर्धारण तथा अधिशेष भूमि अर्जन) संशोधन विधेयक-2009 पर माननीय मुख्यमंत्री
का जवाब —Pgs. 31
5. वि रहित शिक्षा नीति की समाप्ति की घोषणा —Pgs. 34
6. नालंदा विश्वविद्यालय विधेयक-2007 पर मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप —Pgs. 37
7. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा —Pgs. 44
8. चाणक्य विधि विश्वविद्यालय —Pgs. 53
9. शहरी भूमि हदबंदी पर मा. मुख्यमंत्री —Pgs. 58
10. बिहार पंचायती राज विधेयक पर मा. मुख्यमंत्री —Pgs. 62
11. बिहार कृषि उपज बाजार (निरसन) विधेयक पर मा. मुख्यमंत्री का वक्तव्य —Pgs. 72
12. पंचायती राज को कारगर बनाने के लिए —Pgs. 77
13. बिहार पुलिस विधेयक-2007 पर मा. मुख्यमंत्री का दिया गया वक्तव्य —Pgs. 80
14. बिहार विशेष न्यायालय विधेयक-2009 पर मा. मुख्यमंत्री का दिया गया वक्तव्य —Pgs. 91
15. बिहार में कृषि-विश्वविद्यालय विधेयक पर मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप —Pgs. 98
16. बिहार कृषि भूमि (गैर-कृषि प्रयोजन के लिए सम्परिवर्तित) विधेयक पर मा. मुख्यमंत्री का वक्तव्य —Pgs. 101
16. पूर्व मुख्यमंत्रियों को राजकीय सुविधा प्रदान करने के संबंध में —Pgs. 102
17. आचार संहिता पर मुख्यमंत्री —Pgs. 104
18. चतुर्दश विधान सभा के चतुर्दश सत्र का समापन —Pgs. 105
19. किसान की मृत्यु पर —Pgs. 107
20. मंत्री की बर्खास्तगी के विषय पर मा.मुख्यमंत्री का वक्तव्य —Pgs. 109
21. बैंकों की उदासीनता पर मा. मुख्यमंत्री —Pgs. 114
22. तमिलनाडु में बिहार के छात्रों के साथ दुर्व्यवहार पर साकार का वक्तव्य —Pgs. 116
23. जाँच रपट की भाषा अंग्रेजी होने पर खेद प्रकट करना —Pgs. 118
24. गलत व्यति के जेल जाने पर हर्जाना देने के संबंध में —Pgs. 119
25. सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर जनता दरबार की प्रणाली विकसित करने के संबंध में —Pgs. 120
26. सामान्य लोकहित के विषय पर विमर्श-बिहार विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन के नियम 43 के अंतर्गत —Pgs. 124
27. किसानों को दी जाने वाली डीजल सब्सिडी पर मा.मुख्यमंत्री का वक्तव्य —Pgs. 137
28. कालाजार उन्मूलन पर मुख्यमंत्री —Pgs. 139
29. आसा कार्यकर्ताओं के संबंध में —Pgs. 141
30. कब्रिस्तान और श्मशान की घेराबंदी पर मा.मुख्यमंत्री —Pgs. 143
31. अपहरण व बच्चों के लापता होने पर माननीय मुख्यमंत्री का वक्तव्य —Pgs. 146
32. मध्याह्न भोजन पर मुख्यमंत्री —Pgs. 148
33. मनरेगा पर माननीय मुख्यमंत्री —Pgs. 151
34. बहादुर आरक्षी उपाधीक्षक की मृत्यु पर मुख्यमंत्री का सदन में बयान —Pgs. 153
35. महँगाई पर मुख्यमंत्री —Pgs. 156
36. कैसे बदल रहा है बिहार —Pgs. 172
37. सैप पर मुख्यमंत्री का सदन को जवाब —Pgs. 190
38. किरासन तेल की समस्या पर मुख्यमंत्री —Pgs. 193
39. जन-वितरण प्रणाली पर मा. मुख्यमंत्री का बयान —Pgs. 201
40. केंद्र बी.पी. एल. का कोटा बढ़ाए —Pgs. 210
41. बी.पी.एल. सूची में अशुद्धियों को दूर करने एवं राशन-किरासन कूपन-वितरण व्यवस्था के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री
का वक्तव्य —Pgs. 212
42. गरीबी रेखा के विषय पर मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप —Pgs. 220
43. बी.पी.एल. सूची को अंतिम रूप देने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री का वक्तव्य —Pgs. 222
44. बिहार में गरीबों की सही संया के विषय में मुख्यमंत्री की चिंता —Pgs. 227
45. आग से खेती की बर्बादी पर किसानों को हो रही क्षति पर वक्तव्य —Pgs. 230
46. सूखे की चपेट में बिहार —Pgs. 232
47. कोसी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास के लिए केंद्र शीघ्र पैसा जारी करे —Pgs. 252
48. राज्य में बाढ़ की विभीषिका का स्थायी निदान —Pgs. 255
49. बाढ़ राहत शिविरों की स्थिति पर मा.मुख्यमंत्री का स्पष्टीकरण —Pgs. 270
50. सबका जवाब देना हमारा काम —Pgs. 275
जन्म : 1 मार्च,1951 को बख्तियारपुर, जिला-पटना (बिहार) में।
शिक्षा : बी.एस-सी. (इंजीनियरिंग) ।
कृतित्व 1990 में केंद्रीय कृषि और सहकारिता राज्य मंत्री; 19 मार्च, 1998 को केंद्रीय रेल मंत्री; 14 अप्रैल, 1998 केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री (अतिरिक्त प्रभार) । 22 नवंबर, 1999 को केंद्रीय कृषि मंत्री, 3 मई, 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री। छह बार लोकसभा के लिए निर्वाचित। विशेषाधिकार समिति सहित कई समितियों के सदस्य रहे। 24 नवंबर, 2005 को बिहार के मुख्यमंत्री बने।
सिंगापुर और थाईलैंड की यात्रा; 1978 ई. में युवा उत्सव में भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य के रूप में हवाना (क्यूबा) और मॉस्को की यात्राएँ कृषि मंत्री के में एफ.ए.ओ. के क्षेत्रीय सम्मेलन मे योकोहामा की यात्रा।