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Vilakshan Shabda Chitra   

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Author Purushottam Laxman Deshpande
Features
  • ISBN : 9789352668748
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
  • ...more

More Information

  • Purushottam Laxman Deshpande
  • 9789352668748
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2018
  • 256
  • Hard Cover

Description

‘‘नाम्यां, अबे गधे! मेरी शर्ट?’’
‘‘मेरे शरीर में बराबर फिट हो गई।’’ नामू ने गठरी खोलकर कपड़े निकालते हुए कहा। 
‘‘शर्म नहीं आती? रखे रहने दे वे कपड़े और चला जा।’’
‘‘परंतु साहब, आपको नया कॉण्ट्रेक्ट मिला है, उससे आप दर्जन भर नई कमीज सिलवा सकते हो।’’
‘‘अरे! लेकिन बिना पूछे कमीज को चोरी करना माने...?’’ गुस्से के मारे निर्देशक पूरा वाक्य ही नहीं बोल पा रहा था, क्योंकि गुस्से में शब्द ही नहीं सूझ रहे थे।
‘‘साहब, मैंने यदि चोरी की होती तो यह कमीज आपके सामने पहनकर आता क्या? आप ही बोलिए, पी.एल. साहब?’’
‘‘अब मैं क्या बोलूँ? बेटा, दूसरे की शर्ट बिना पूछे अपनी मरजी से पहन लेना, क्या इसीलिए काम पर रखा है?’’
‘‘अरे साहब, यह दुनिया सच्चे की नहीं है।’’
‘‘सच्चे की दुनिया से तेरा क्या संबंध?’’
‘‘मैंने तो एक संवाद बोल दिया है।’’ नामू अपने मन में कोई फिल्मी संवाद बोलना अच्छा समझता है, जो चतुराई का लक्षण है। 
इसी संग्रह से
——1——

प्रसिद्ध मराठी लेखक श्री पु.ल. देशपांडे विलक्षण शब्द-साधक थे। उनकी विशिष्ट भाषा-शैली और भावाभिव्यक्ति अप्रतिम है। यहाँ प्रस्तुत हैं उनके उकेरे कुछ विलक्षण शब्द-चित्र उन लोगों के, जिनसे उनका संपर्क आया और जिनसे उन्होंने कुछ जाना-सीखा।

अनुक्रम

प्रस्तावना — Pg. 5

1. नारायण — Pg. 11

2. मेरे हरिभैया (हरि तात्या) — Pg. 22

3. नामदेव राव रजक उर्फ नामू धोबी — Pg. 35

4. सखाराम गटणे — Pg. 46

5. नंदा प्रधान — Pg. 60

6. बोलट — Pg. 81

7. भैया नागपुरकर — Pg. 92

8. नाथा कामत — Pg. 99

9. दो चतुर उस्ताद — Pg. 118

10. गजा खोत — Pg. 124

11. अन्ना वडगाँवकर (बड़े भाई) — Pg. 136

12. परोपकारी गंपू — Pg. 139

13. चितले मास्टर — Pg. 147

14. लखू रिसवुड — Pg. 162

15. बापू काणे — Pg. 174

16. वह चौकोर परिवार — Pg. 186

17. वो — Pg. 196

18. शत-प्रतिशत पेस्तन काका — Pg. 212

19. बबड़ू — Pg. 224

20. अंतू बर्वे — Pg. 242

The Author

Purushottam Laxman Deshpande

पु.ल. देशपांडे 
पु.ल.(पुरुषोत्तम लक्ष्मण)  देशपांडे 
(8 नवंबर, 1919-12 जून, 2000) लोकप्रिय मराठी   लेखक, नाटककार, हास्यकार, अभिनेता, कथाकार व पटकथाकार, फिल्म निर्देशक और संगीतकार एवं गायक थे। उन्होंने अनेक वर्षों तक अध्यापन भी किया। ‘दूरदर्शन’ की स्थापना के समय उसके साथ संबद्ध रहे। भारत सरकार द्वारा उन्हें सन् 1990 में कला के क्षेत्र में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित किया गया था। साथ ही पुण्यभूषण, महाराष्ट्र्र गौरव, पद्मश्री, साहित्य अकादेमी सम्मान, संगीत नाटक अकादेमी सम्मान, संगीत नाटक अकादेमी फैलोशिप, महाराष्ट्र भूषण सम्मान, कालिदास सम्मान आदि अनेक सम्मानों से अलंकृत हुए। मराठी साहित्य को दिए उनके अपूर्व योगदान को रेखांकित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2002 में ‘पु.ल. देशपांडे महाराष्ट्र कला अकादमी’ की स्थापना की।

 

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