₹300
"विशाद मठ की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जो एक धार्मिक मठ में जाता है, लेकिन वहाँ की स्थिति उसे मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि से परेशान कर देती है। मठ में होने वाली धार्मिक क्रियाएँ और वहां का पाखंडी वातावरण उसे मानसिक तनाव और अवसाद की स्थिति में डाल देता है। यह उपन्यास धार्मिक संस्थाओं की ढोंग और कुप्रथाओं को उजागर करता है, जो समाज के भीतर फैली हुई हैं।
विशाद मठ उपन्यास एक गहरी सामाजिक, धार्मिक और दार्शनिक कृति है, जो हमें अपनी मानसिकता, समाज की बुराइयों, और धार्मिकता पर पुनः विचार करने के लिए प्रेरित करता है। राघव ने इस उपन्यास में मानवता और सच्चाई की खोज का एक सार्थक संदेश दिया है, और यह उपन्यास पाठकों को धर्म, समाज, और मानव जीवन के बारे में नई सोच और दृष्टिकोण प्रदान करता है।"