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दादा साहेब आपटे के जीवन के बारे में किसी भी भाषा में लिखी गई यह पहली पुस्तक है। दादा साहेब आपटे अपने समय के उद्भट विद्वान् थे। उनकी पंद्रह से ज्यादा पुस्तकें अंग्रेजी व मराठी में प्रकाशित हुई थीं। लोकमान्य तिलक के मराठी दैनिक में वे नियमित लिखते थे। तमिलनाडु में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे। भारतीय भाषाओं की पहली संवाद समिति ‘हिंदुस्थान समाचार’ की स्थापना उन्होंने की थी। ‘विश्व हिंदू परिषद्’ के वे संस्थापक अध्यक्ष थे। वेद की स्थापना करने के लिए वे विश्व के अनेक देशों में गए। लेकिन अब तक उनकी कोई समग्र जीवनगाथा उपलब्ध नहीं थी। यह पुस्तक इसी कमी को पूरा करने का विनम्र प्रयास है। ‘हिंदुस्थान समाचार’ एवं विश्व हिंदू परिषद् की स्थापना की पृष्ठभूमि और निर्धारित दिशा का गंभीर आकलन पहली बार इस पुस्तक में हुआ है।
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अनुक्रम
इस संस्करण की कैफियत—७
प्रथम संस्करण का आमुख—९
प्रथम संस्करण की प्रस्तावना—१३
पटाक्षेप से पूर्व (प्रथम संस्करण)—१९
१. प्रारंभिक जीवन—२७
२. शिवराम आपटे का मुंबई काल—३१
३. हिंदुस्थान समाचार का जन्म—४०
४. विश्व हिंदू परिषद्—स्थापना की पृष्ठभूमि—६७
५. विश्व हिंदू परिषद् की स्थापना—८०
६. दिग-दिगंत तक ध्वज लहराया—९८
७. विदेशों में विश्व हिंदू परिषद्—१३८
८. अंतर्मुखी दादा साहेब आपटे निकले अंतिम यात्रा पर—१५७
परिशिष्ट—१७७
संदर्भ ग्रंथ सूची—१८१
जन्म : 26 मई, 1951
शिक्षा : बी.एस-सी., हिंदी साहित्य और राजनीति विज्ञान में एम.ए.; गांधी अध्ययन, अनुवाद, तमिल, संस्कृत में डिप्लोमा; पंजाब विश्वविद्यालय
से आदिग्रंथ आचार्य की उपाधि एवं पी-एच.डी.।
कृतित्व : अनेक वर्षों तक अध्यापन कार्य, पंद्रह वर्षों तक बाबा बालकनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय (हि.प्र.) में प्रधानाचार्य रहे। उसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के धर्मशाला क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक रहे। हिमाचल प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय महाविद्यालय की स्थापना की। आपातकाल में जेलयात्रा, पंजाब में जनसंघ के विभाग संगठन मंत्री तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के सचिव रहे। लगभग दो दर्जन से अधिक देशों की यात्रा; पंद्रह से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित। पत्रकारिता में कुछ समय ‘जनसत्ता’ से भी जुड़े रहे।
संप्रति : भारत-तिब्बत सहयोग मंच के अखिल भारतीय कार्यकारी अध्यक्ष और दिल्ली में ‘हिंदुस्तान’ समाचार से संबद्ध।