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Vishwas Bhara Ehasas   

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Author Priti Jain
Features
  • ISBN : 9789390825066
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Priti Jain
  • 9789390825066
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 160
  • Soft Cover
  • 175 Grams

Description

निराकार वीणा पर भावों के परदे रखकर, कल्पना की तार कस ख्यालों को भरकर उँगली से दबाकर जिस कंपन को उजागर करती हूँ वहाँ जी उठता है सजीव रूप साकार, धवल, उज्ज्वल, अपने रूप और जुण में सिमटा कोमल रागनुमा सरल, सत्य साहित्य इसे अपनाकर, अपना बनाकर जी उठती है कल्पना की साकार प्रतिमा जो अलंकृत है विभिन्‍न रुपों में अपनाए जाने योग्य इस तेज को जो अपनाए, हो जाए वो भी भाव-विभोर मन गद्‌णद, निलांजना-सी अद्भ्रुत, मुखरित हो उठें हृदय पटल पर और पुकार उठें- धमनियों की गलियों से ये ही झंकार, झंकृत हो, झंकृत हो, झंकृत हो.

 

The Author

Priti Jain

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