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‘‘कहिए, मैं आपके लिए क्या कर सकती हूँ।’’
‘‘क्या यह अब्बास का घर है।’’
‘‘हाँ’’
‘‘क्या वे घर पर हैं।’’
‘‘नहीं, अभी वे ऑफिस गए हुए हैं। शाम को आएँगे।’’
‘‘आप कौन?’’
‘‘मैं उनकी पत्नी रुखसाना।’’
पीछे से एक बच्चा दौड़ता हुआ आया। यह सुनकर रेहाना का सिर चकरा गया। वह वहीं बैठ गई।
रुखसाना ने बात आगे बढ़ाई—‘‘आप कौन।’’
बड़ी मुश्किल से उसके मुँह से यह शब्द निकला—‘‘रेहाना’’
पर शायद रुखसाना को रेहाना और अब्बास के विषय में पता था। उसने उसे अंदर आने के लिए कहा।
‘‘आइए।’’ और अपना सामान एक कमरे में रख दिया। उसके लिए चायनाश्ता लगाकर वह दूसरे कमरे में चली गई। दिन भर दोनों औरतों में कुछ भी वार्त्तालाप नहीं हुआ। शाम को अब्बास आया तो रेहाना को देखकर चौंक पड़ा।
—इसी संग्रह से
कहानियाँ किसी भी समाज जीवन का आईना होती हैं। प्रस्तुत संग्रह की कहानियाँ समाज में व्याप्त विसंगतियों, विडंबनाओं और आपसी द्वंद्व की बानगी पेश करती है। मनोरंजकता से भरपूर पठनीय कहानियाँ।
कथा-संग्रहक लेखिकाक परिचय श्रीमती ममता मेहरोत्रा
श्रीमती ममता मेहरात्रा जी जंतु विज्ञान से एम.एस.सी. कयलीह, तदुपरांत कतेको उपाधि सँ विभूषित सेहो भेलीह। हिनकर पठन-पाठन व लेखन कला में विशेष अभिरुचि के कारण ई तात्कालिक डी.पी.एस. वर्ल्ड स्कूल, पटनाक प्राचार्या बनलीह आ ‘सामयिक परिवेश’ पत्रिकाक संपादन सेहो कय लगलीह। ऐना हिनक किछु प्रमुख पुस्तक—
1. महिला अधिकार और मानवाधिकार (राजकमल प्रकाशन)
2. शिक्षा का अधिकार
3. महिला अधिकार
4. टुकड़ों-टुकड़ों में औरत (प्रभात प्रकाशन)
5. माटी का घर (विशाल प्रकाशन)
6. ढपोरसंख
7. अपना घर
8. सफर
9. धुआँ-धुआँ है जिंदगी (लघुकथा-संग्रह)
10. रफ्तार (उर्दू भाषा में अनुवादित पुस्तक)
11. बुनकर की बेटी (उर्दू भाषा में अनुवादित पुस्तक)
12. Gender Inequality in India
13. Crime against Women in India
14. Crime against Women
15. We Women
16. Relationship & Other Stories (प्रभात प्रकाशन)
17. School Times Jokes (प्रभात प्रकाशन)
18. विश्वासघात एवं अन्य कहानियाँ
19. विद्यार्थियों के लिए टाइम मैनेजमेंट
20. शिक्षा के साथ प्रयोग
हिनकर कतेको पोथिक कें मैथिली, भोजपुरी एवं उर्दू मे सेहा अनुवाद भेल छईन।
ओना हिनकर कतेको छोट फिल्म प्रदर्शित आ सम्मानितों सेहो भेल छईन। सांस्कृतिक, सामाजिक आ साहित्यिक उत्थान मे इ हर्निश लागल रहैत छथिन्ह।