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Vyangyaya Ke Rang   

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Author Ashok Gujarati
Features
  • ISBN : 9788177211238
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Ashok Gujarati
  • 9788177211238
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2018
  • 160
  • Hard Cover
  • 200 Grams

Description

मोबाइल पर धुन बजी—‘हैलो!’ उधर से तीर चला—‘मोहन है क्या?’ मैं चौंका— ‘मोहन... यहाँ कोई मोहन नहीं है!’ उन पर कोई असर नहीं—‘आपका फोन नंबर क्या है?’ मुझे गुस्सा आ गया—‘राँग नंबर!’ लेकिन वे पीछा छोड़ने को तैयार नहीं—‘आप कौन बोल रहे हैं?’ मन हुआ, कहूँ—‘तेरा बाप!’ परंतु सभ्यता का तकाजा था, फोन बंद कर दिया। अब मैंने प्रिंटिंग प्रेस को लगाया। घंटी बजती रही तो घर पर मिलाया। पूछा, ‘प्रकाशजी हैं क्या?’ स्वर उभरा—‘कहिए क्या काम है, मैं उनका भाई बोल रहा हूँ।’ मेरी जिज्ञासा—‘मेरे कार्ड छप गए क्या?’ उनकी प्रतिजिज्ञासा—‘आपको कौन सी तारीख बताई थी?’ मैंने खुलासा किया—‘तारीख तो कल हो गई’। उन्होंने आश्चर्य जताया—‘ऐसा क्या! फिर छप गए होंगे।’ मुझे खुशी हुई—‘तो मैं लेने आ जाऊँ?’ उन्होंने पानी फेर दिया—‘भई, यह तो आपको प्रकाश से ही पूछना पड़ेगा। वह मुंबई गया है। मेरी अलग दुकान है कपड़ों की।’
—इसी संग्रह से
सात्त्विक, जीवंत एवं रोचक शैली में लिखे अशोक गुजराती के ये व्यंग्य लेख बड़ी-से-बड़ी बात को सहज एवं मारक रूप में कह देने की क्षमता रखते हैं। ये व्यंग्य पाठक को गुदगुदाते ही नहीं, भरपूर मनोरंजन भी करते हैं।

The Author

Ashok Gujarati

जन्म : 26 जुलाई, 1947 को महाराष्‍ट्र के अकोला जिले के अकोट कस्बे में।
शिक्षा : एम.एस-सी., एम.ए., पी-एच.डी. (हिंदी), डी.आर.एल., डी.डी.ई.
प्रकाशन : ‘अंगुलीहीन हथेली’ (कहानी संग्रह); ‘तुम क्या जानो’ (लघुकथा संग्रह); ‘पंछी-सी उड़ान’, ‘सृष्‍ट‌ि की रचना’, ‘कालू का कमाल’, ‘लालची भालू’, ‘घमंडी घोड़ा’, ‘खुशी के दीये’ (बाल कथा संग्रह); ‘सौर जगत् का एक बंजारा’ (लेख संग्रह); ‘ओन हेनरी की कहानियाँ’ (अनुवाद); ‘जंगल में चुनाव’ (बाल उपन्यास); ‘विज्ञान : हँसते-हँसते’ (दो खंड) और प्रतिष्‍ठति पत्र-पत्रिकाओं में 350 से अधिक रचनाएँ प्रकाशित।
पुरस्कार : ‘अंगुलीहीन हथेली’ केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा पुरस्कृत, ‘पंछी-सी उड़ान’ महाराष्‍ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी से पुरस्कृत।
संप्रति : रसायन शास्‍त्र के वरिष्‍ठ व्याख्याता के पद से सेवानिवृत्त

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