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"ये है बंबई नगरिया' एक उपन्यास है, जो सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। ये पुरानी बंबई के एक इलाके में पले-बढ़े तीन स्कूली दोस्तों की कहानी है, जिनमें से एक हिंदू है और बाकी दोनों मुसलमान। शहर में होने वाले सांप्रदायिक दंगों से इनके आपसी रिश्ते अछूते नहीं रहते। एक दोस्त टी.वी. पत्रकार बनता है, दूसरा पुलिस अधिकारी और तीसरा धर्मांधता की चपेट में आकर आतंकी संगठन आई.एस.आई.एस. का सदस्य बन जाता है। कहानी में कुछ ऐसे घटनाक्रम होते हैं, जो जुदा हुए तीनों दोस्तों को वर्षों बाद फिर एक साथ ले आते हैं।
तीनों दोस्तों की कहानी के साथ- साथ उपन्यास मुंबई शहर के अनदेखे पहलुओं को भी पेश करता है। उपन्यास में पुरानी मुंबई में लोगों के रहन-सहन, अपराध जगत्, आतंकवाद और मायानगरी के बदरंग चेहरे की भी झलक मिलती है।
जो लोग मुंबई की तासीर को समझना चाहते हैं, यहाँ रहना चाहते हैं या फिर कुछ दिनों के लिए मुंबई घूमना चाहते हैं तो उनके लिए यह पुस्तक जरूर काम आएगी।"