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यह जीवनी आपको अपने चार खंडों में योगी आदित्यनाथ के जीवन के चार पहलुओं से होकर ले जाती है। पुस्तक का आरंभ योगी के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के वर्तमान रूप, 2017 की उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति, यू.पी. का सी.एम. चुने जाने के तथ्यों और पंचम तल (यू.पी. के सीएम का दफ्तर) से होता है। दूसरा खंड आपको योगी आदित्यनाथ के पाँच बार के सांसद के रूप में लंबे कार्यकाल, चुनावी जीत, संसद् में उनकी कुशल भागीदारी, उनके तथाकथित विवादित भाषणों की सच्चाई, लव-जिहाद की उनकी सोच के पीछे का तर्क, घर वापसी, हिंदू युवा वाहिनी और भाजपा के साथ उनके संबंध से परिचित कराता है। तीसरे खंड में लेखक अपने पाठकों को गोरखनाथ मठ के महंत अवेद्यनाथ, योगी आदित्यनाथ, उनकी कठोर यौगिक दिनचर्या, नाथ पंथ के गुरुओं और कई दशकों से मठ की सामाजिक-राजनीतिक सक्रियता से होकर ले जाते हैं। आखिरी खंड में लेखक अपने पाठकों को उत्तराखंड के इलाके में पले अजय सिंह बिष्ट के बचपन से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्प और उनके अपनों के मुँह से कही बातों के साथ छोड़ देते हैं, जो गायों, खेतों, पहाड़ों, नदियों के बीच पला-बढ़ा और आगे चलकर एक सांसद और मुख्यमंत्री बना।
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अनुक्रम | |
प्राक्कथन — Pgs. 5 | • 2008, योगी आदित्यनाथ पर घातक हमला — Pgs. 104 |
प्रस्तावना — Pgs. 9 | • योगी के विवादित भाषण और बयान — Pgs. 106 |
आभार — Pgs. 13 | • सूर्य नमस्कार का विरोध करनेवाले भारत छोड़ें — Pgs. 106 |
खंड-1 | • यदि वे एक हिंदू लड़की को ले जाते हैं, तो हम 100 मुसलिम लड़कियों को ले जाएँगे — Pgs. 107 |
योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री | • यदि अवसर मिले तो हम हर मसजिद में देवी गौरी, गणेश और नंदी की मूर्तियाँ स्थापित कर दें। — Pgs. 107 |
• योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली — Pgs. 19 | • शाहरुख के बोल हाफिज सईद जैसे, जा सकते हैं पाकिस्तान — Pgs. 108 |
• बीजेपी ने सीएम पद के लिए योगी को क्यों चुना? — Pgs. 20 | • मदर टेरेसा भारत में ‘ईसाइयत’ की साजिश का हिस्सा थीं — Pgs. 108 |
• उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2017 — Pgs. 24 | • ताजमहल भारतीय संस्कृति को नहीं दर्शाता — Pgs. 109 |
• मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी का पहला भाषण — Pgs. 32 | • शैतान सुधर सकता है, पाकिस्तान नहीं — Pgs. 110 |
• सीएम बनने के बाद योगी ने आरएसएस की पत्रिका ‘पाञ्चजन्य’ को पहला इंटरव्यू दिया — Pgs. 35 | • कुछ मुसलिम देशों पर यात्रा की पाबंदी लगाने के लिए ट्रंप की प्रशंसा की — Pgs. 110 |
• उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी के शुरुआती दिन — Pgs. 39 | • अपने तथाकथित विवादित भाषणों पर योगी की सफाई — Pgs. 110 |
• देर रात की विभागीय प्रस्तुतियाँ — Pgs. 39 | • योगी के बारे में क्या कहते हैं मुसलिम — Pgs. 116 |
• जनता दरबार — Pgs. 41 | • बीजेपी के साथ योगी के संबंध — Pgs. 117 |
• योगी और उत्तर प्रदेश की नौकरशाही — Pgs. 41 | खंड 3 |
• कार्यस्थल, समयबद्धता तथा वित्तीय शुचिता — Pgs. 44 | गोरखधाम मठ के महंत के रूप में योगी आदित्यनाथ |
• अवैध बूचड़खानों पर काररवाई — Pgs. 45 | • अजय बिष्ट कैसे बना योगी आदित्यनाथ? — Pgs. 119 |
• अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध की सच्चाई — Pgs. 46 | • महंत योगी आदित्यनाथ के जीवन का एक दिन — Pgs. 120 |
• एंटी-रोमियो स्क्वैड — Pgs. 49 | • नाथपंथ क्या है? — Pgs. 123 |
• राज्य में कानून-व्यवस्था में सख्ती — Pgs. 50 | • गुरु गोरखनाथ — Pgs. 126 |
• गड्ढा-मुक्त सड़कें — Pgs. 50 | • गोरखनाथ मठ की महंत परंपरा — Pgs. 128 |
• किसानों की कर्जमाफी — Pgs. 51 | • गोरखनाथ मठ के कल्याणकारी कार्य — Pgs. 129 |
• गन्ना किसानों का भुगतान — Pgs. 52 | • शैक्षणिक क्षेत्र में कल्याण के कार्य — Pgs. 129 |
• सभी के लिए बिजली — Pgs. 53 | • संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति का संरक्षण — Pgs. 130 |
• भ्रष्टाचार के मामलों की जाँच — Pgs. 53 | • चिकित्सा शिक्षा और अस्पताल — Pgs. 130 |
• योगी सरकार के छह हफ्ते बाद योगी का पहला बड़ा टीवी इंटरव्यू — Pgs. 55 | • गरीबों के लिए भोजन — Pgs. 130 |
• सीएम योगी और नीतीश कुमार के बीच वाक् युद्ध — Pgs. 70 | • गायों का पालन-पोषण — Pgs. 131 |
• योगी सरकार और राहुल गांधी के बीच आमना-सामना — Pgs. 71 | • योग केंद्र — Pgs. 131 |
खंड-2 | • पुस्तकालय — Pgs. 131 |
योगी आदित्यनाथ : गोरखपुर से पाँच बार सांसद | • सांप्रदायिक और सामाजिक सौहार्द के अभियान — Pgs. 132 |
• संसद् में योगी का विदाई भाषण — Pgs. 73 | • शिविर, सेमिनार और समागम — Pgs. 132 |
• गोरखपुर सीट की चुनावी कहानी — Pgs. 79 | • जनता दरबार — Pgs. 132 |
• महंत दिग्विजयनाथ और लोकसभा में मठ का पहला प्रतिनिधित्व — Pgs. 79 | • गोरखपुर का इतिहास और इसके विकास में मठ की भूमिका — Pgs. 132 |
• महंत अवेद्यनाथ, मठ के पहले विधायक — Pgs. 80 | • राम मंदिर आंदोलन में मठ की भूमिका — Pgs. 134 |
• मठ की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते योगी आदित्यनाथ — Pgs. 81 | • 108 महंत अवेद्यनाथ ट्रस्ट की ओर से प्रकाशित राष्ट्रसंत महंत अवेद्यनाथ — Pgs. 136 |
• मठ में योगी का जनता दरबार — Pgs. 82 | • योगी के सीएम बनने के बाद राम जन्मभूमि में क्या बदला — Pgs. 138 |
• योगी आदित्यनाथ एक सक्रिय सांसद रहे — Pgs. 85 | खंड-4 |
• संसद् में योगी आदित्यनाथ ने जिन पदों पर कार्य किया — Pgs. 88 | उत्तराखंड के अजय बिष्ट के रूप में योगी आदित्यनाथ |
• योगी पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया — Pgs. 89 | • देवभूमि, उत्तराखंड में अजय का जन्म — Pgs. 140 |
• योगी और विवाद — Pgs. 90 | • थांगड़, चमकोट और गाजा में अजय की शुरुआती स्कूली शिक्षा — Pgs. 143 |
• 1999 का पंचरुखिया केस — Pgs. 90 | • ऋषिकेश में अजय की स्कूली शिक्षा — Pgs. 145 |
• 2002, हिंदू युवा वाहिनी का गठन — Pgs. 91 | • कोटद्वार में अजय के कॉलेज के दिन — Pgs. 148 |
• लव जिहाद — Pgs. 97 | • अजय ने एसएफआई की जगह एबीवीपी को चुना — Pgs. 149 |
• 2005, व्यापक पुनर्धर्मांतरण (घर वापसी) — Pgs. 100 | • कैसे अजय को अपने जीवन के पहले चुनाव में पराजय मिली — Pgs. 150 |
• 2007, योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी — Pgs. 102 | • जब संन्यासी योगी आदित्यनाथ से मिले अजय के माता-पिता — Pgs. 151 |
यह जीवनी आपको अपने चार खंडों में योगी आदित्यनाथ के जीवन के चार पहलुओं से होकर ले जाती है। पुस्तक का आरंभ योगी के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के वर्तमान रूप, 2017 की उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति, यू.पी. का सी.एम. चुने जाने के तथ्यों और पंचम तल (यू.पी. के सीएम का दफ्तर) से होता है। दूसरा खंड आपको योगी आदित्यनाथ के पाँच बार के सांसद के रूप में लंबे कार्यकाल, चुनावी जीत, संसद् में उनकी कुशल भागीदारी, उनके तथाकथित विवादित भाषणों की सच्चाई, लव-जिहाद की उनकी सोच के पीछे का तर्क, घर वापसी, हिंदू युवा वाहिनी और भाजपा के साथ उनके संबंध से परिचित कराता है। तीसरे खंड में लेखक अपने पाठकों को गोरखनाथ मठ के महंत अवेद्यनाथ, योगी आदित्यनाथ, उनकी कठोर यौगिक दिनचर्या, नाथ पंथ के गुरुओं और कई दशकों से मठ की सामाजिक-राजनीतिक सक्रियता से होकर ले जाते हैं। आखिरी खंड में लेखक अपने पाठकों को उत्तराखंड के इलाके में पले अजय सिंह बिष्ट के बचपन से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्प और उनके अपनों के मुँह से कही बातों के साथ छोड़ देते हैं, जो गायों, खेतों, पहाड़ों, नदियों के बीच पला-बढ़ा और आगे चलकर एक सांसद और मुख्यमंत्री बना।