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डॉ.राजेंद्र प्रसाद की यह संक्षिप्त जीवनी बिहार के एक छोटे से गाँव के मध्यमवर्ग परिवार से आए एक ऐसे व्यक्ति के संघर्षों एवं उपलब्धियों की मोहक कहानी प्रस्तुत करती है, जिसकी असाधारण मेधा, तीक्ष्ण बुद्धि, विलक्षण प्रतिभा, कड़े परिश्रम और निःस्वार्थ सेवा-कार्यों ने उसे देश के शीर्ष नेताओं की पंक्ति में ला खड़ा किया।
देशरत्न राजेंद्र बाबू की पारिवारिक पृष्ठभूमि, गाँव में बीता बाल्यकाल, उपलब्धियों से भरा विलक्षण विद्यार्थी जीवन, अल्पकाल तक चला वकालत पेशा, चंपारन सत्याग्रह के दौरान गांधीजी के नेतृत्व में महत्त्वपूर्ण सेवा कार्य, तदनंतर वकालत त्याग देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने का निर्णय, स्वतंत्रता सेनानी के कंटकाकीर्ण मार्ग का अनुसरण, कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपूर्व संगठन शक्ति का परिचय, फिर अंतरिम सरकार में खाद्य मंत्री के दायित्व का कुशल निर्वहन, संविधान-सभा अध्यक्ष की हैसियत से संविधान निर्माण में अहम भूमिका, भारतीय गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में बारह वर्षों तक देश का योग्य मार्गदर्शन और अवकाश प्राप्ति उपरांत पूर्व कर्मभूमि पटना सदाकत आश्रम में बिताए गए अर्थपूर्ण अंतिम नौ महीने—तथ्यों, तारीखों सहित राजेंद्र बाबू के घटनापूर्ण जीवन का संपूर्ण समग्र ब्योरा संक्षेप में प्रस्तुत कर देना इस पुस्तक की विशेषता है।
देश के नवजागरण और नवनिर्माण में अहम भूमिका निभानेवाले भारत के एक सच्चे सपूत की पठनीय प्रामाणिक जीवन-गाथा।
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अनुक्रम
युगपुरुष डॉ. राजेंद्र प्रसाद
1. पारिवारिक पृष्ठभूमि — Pg. 7
2. आरंभिक शिक्षा — Pg. 9
3. उच्च शिक्षा — Pg. कलका प्रवास — Pg. 10
4. वकालत की तैयारी — Pg. 13
5. श्री गोखले का प्रस्ताव — Pg. 14
6. सफल वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता — Pg. 21
7. चंपारण सत्याग्रह — Pg. 23
8. गांधी मार्ग पर — Pg. 26
9. असहयोग आंदोलन — Pg. 28
10. रचनात्मक कार्य — Pg. 33
11. हिंदी-सेवा — Pg. 35
12. विदेश-यात्रा — Pg. 37
13. नमक-सत्याग्रह — Pg. 43
14. बिहार का प्रलयंकारी भूकंप — Pg. 56
15. कांग्रेस अध्यक्ष — Pg. 58
16. द्वितीय महायुद्ध और कांग्रेस — Pg. 68
17. भारत छोड़ो आंदोलन — Pg. 73
18. जेल-जीवन — Pg. 78
19. रिहाई और उसके उपरांत — Pg. 82
20. स्वतंत्रता की ओर — Pg. 85
21. अंतरिम सरकार में खाद्य मंत्री — Pg. 88
22. संविधान-सभा अध्यक्ष — Pg. 89
23. भारतीय गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति — Pg. 95
24. पद-निवृत्ति — Pg. 110
25. सदाकत आश्रम में वापसी — Pg. 112
26. महाप्रयाण — Pg. 114
27. राजेंद्र वाणी — Pg. 117
28. विशिष्ट व्यतियों के उद्गार — Pg. 134
29. विश्व फलक पर — Pg. 152
30. स्मरणीय तिथियाँ — Pg. 159
31. संदर्भ ग्रंथ सूची — Pg. 165