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"जमीनी और क्षेत्रीय पत्रकारिता की ताकत' नामक इस पुस्तक में 'प्रभात खबर' की 40 वर्षों की यात्रा का वर्णन है। इसमें उन तमाम प्रयासों का जिक्र है, जिसके बल पर 'प्रभात खबर' ने देश की पत्रकारिता में अपना विशिष्ट स्थान बनाया। एक लगभग बंद होता अखबार या संस्थान कैसे पुनर्जीवित हो सकता है, उदाहरण समेत उसका उल्लेख है।
'प्रभात खबर' एक स्थानीय क्षेत्रीय अखबार है, जिसने छोटे-छोटे प्रयासों से बड़े- बड़े मुद्दे उठाए और देश का चर्चित अखबार बना। एक क्षेत्रीय अखबार अगर ठान ले तो कुछ भी कर सकता है; अपने राज्य, अपने पाठकों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है, यही इस पुस्तक का निचोड़ है। एक क्षेत्रीय अखबार कैसे आम लोगों से जुड़े मुद्दों के लिए सड़कों पर उतरकर लड़ भी सकता है, भ्रष्टाचार-नशा के खिलाफ अभियान चला सकता है, राज्य के निर्माण-पुनर्निर्माण में बड़ी भूमिका निभा सकता है, इस पुस्तक में उसका वर्णन है।
'प्रभात खबर' के इतिहास के साथ-साथ झारखंड, झारखंड आंदोलन, झारखंड की पत्रकारिता, झारखंड की राजनीति का भी इस पुस्तक में खास उल्लेख है, जिसे हर व्यक्ति को जानना चाहिए। एक क्षेत्रीय अखबार की ताकत, पत्रकारों के जज्बा-विजन, बहादुरी और सामाजिक जुड़ाव की इस पुस्तक में विस्तार से चर्चा है। 40 वर्षों में देश-दुनिया में कौन-कौन सी बड़ी घटनाएँ घटीं, उन्हें एक नजर में याद करने का भी इस पुस्तक में प्रयास किया गया है।"
झारखंड के चाईबासा में जन्म। लगभग 35 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। आरंभिक शिक्षा हजारीबाग के हिंदू हाई स्कूल से। संत कोलंबा कॉलेज, हजारीबाग से गणित (ऑनर्स) में स्नातक। राँची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की। जेवियर समाज सेवा संस्थान (एक्स.आइ.एस.एस.) राँची से ग्रामीण विकास में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया। 1987 में राँची प्रभात खबर में उप-संपादक के रूप में योगदान। 1995 में जमशेदपुर से प्रभात खबर के प्रकाशन आरंभ होने पर पहले स्थानीय संपादक बने। 15 साल तक लगातार जमशेदपुर में प्रभात खबर में स्थानीय संपादक रहने का अनुभव। 2010 में वरिष्ठ संपादक (झारखंड) के पद पर राँची में योगदान। वर्तमान में प्रभात खबर में कार्यकारी संपादक के पद पर कार्यरत। स्कूल के दिनों से ही देश की विभिन्न विज्ञान पत्रिकाओं में लेखों का प्रकाशन। झारखंड आंदोलन या फिर झारखंड क्षेत्र से जुड़े मुद्दे और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन लेखन के प्रमुख विषय। कई पुस्तकें प्रकाशित। प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तकें—‘प्रभात खबर : प्रयोग की कहानी’, ‘झारखंड आंदोलन का दस्तावेज : शोषण, संघर्ष और शहादत’, ‘बरगद बाबा का दर्द’, ‘अनसंग हीरोज ऑफ झारखंड’, ‘झारखंड : राजनीति और हालात’, ‘महात्मा गांधी की झारखंड यात्रा’ एवं ‘झारखंड के आदिवासी : पहचान का संकट’।
पुरस्कार : शंकर नियोगी पुरस्कार, झारखंड रत्न, सारस्वत हीरक सम्मान, हौसाआइ बंडू आठवले पुरस्कार आदि।