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मानव के रूप में हम न केवल अपनी संतानों की देखभाल करते हैं, बल्कि एक यंत्र ‘बुद्धि’ हमारे अंदर समूचे ग्रह, समूची पारिस्थितिकी, प्रकृति की समूची भेंट की देखभाल करने की शक्ति के रूप में विद्यमान है। और यही यंत्र ‘बुद्धि’ मशीनें बना सकती है, जो किसी को बचा सकती हैं तथा किसी को भी नष्ट कर सकती हैं।
ईश्वर की बनाई कोई अन्य प्रजाति इतनी शक्तिशाली, इतनी दयालु और इतनी चामत्कारिक नहीं है। जीवन निश्चित रूप से एक ही बार मिलता है। और हम में से हर कोई किसी खास उद्देश्य के लिए ईश्वर का दूत बनकर इस पृथ्वी पर आया है। हमारा कार्य उस उद्देश्य का पता लगाना और अपने जीवन को उसकी प्राप्ति में लगाना है।
इस पुस्तक में उन लोगों के बारे में बताया गया है, जो उस उद्देश्य का पता लगा पाए और जीवन को उसी दिशा में मोड़ पाए, जिससे उन्हें ही नहीं बल्कि उनके आसपास के सारे जगत् को प्रसन्नता मिली। अतः जो कुछ करना है, वह इसी जन्म में करना है। जीवन की वास्तविकता और उसके अस्तित्व मात्र का ज्ञान करानेवाली पुस्तक, जो हमें कर्मशील बनाएगी।
एन. रघुरामन
मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है।
श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।
इ-मेल : nraghuraman13@gmail.com