₹300
"यदि नियति आपके रास्ते को मोड़ दे तो आप क्या करेंगे? क्या होगा अगर यह आपको ऐसी जगह फेंक दे, जहाँ आप नहीं जाना चाहते? लड़ोगे, भागोगे या मानोगे? अस्सी के दशक की शुरुआत में भारत के दो शहरों में स्थापित ‘जिंदगी वो, जो आप बनाएँ’ अंकिता के जीवन के कुछ महत्त्वपूर्ण वर्षों का एक मनोरंजक विवरण है।
अंकिता शर्मा के कदमों में दुनिया है। वह युवा है, अच्छी दिखती है, स्मार्ट है और उसके बहुत सारे दोस्त एवं लडक़े उस पर फिदा हैं। वह एमबीए के लिए एक प्रमुख प्रबंधन स्कूल में दाखिला लेने में भी सफल हो जाती है। छह महीने बाद वह एक मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल में मरीज है।
जिंदगी ने क्रूरता और बेरहमी से वह छीन लिया, जो उसके लिए सबसे ज्यादा मायने रखता था और अब उसे यह सब वापस पाने के लिए लडऩा होगा। यह बड़े होने का, विश्वास की शक्ति का और कैसे दृढ़ संकल्प और अदम्य भावना नियति आपके सामने आने वाली हर परिस्थिति पर काबू पा सकती है, का एक गहरा मार्मिक और प्रेरणादायक वृत्तांत है।
एक कहानी, अपने मूल में एक प्रेम कहानी, यह हमें अपने बारे में हमारी मान्यताओं और विवेक की अवधारणा पर सवाल उठाती है और हमें यह विश्वास करने के लिए मजबूर करती है कि जीवन वास्तव में वही है, जो कोई इसे बनाता है।
प्रीति शेनॉय की प्रतिष्ठित बेस्टसेलर चुनौतियों के सामने मानव मन के लचीलेपन और प्रेम तथा सकारात्मक सोच की अपार शक्ति पर प्रकाश डालती है।"